राज्यसभा चुनाव 20 नवंबर को
निर्वाचन आयोग ने सोमवार को राज्यसभा में प्रत्येक दो साल बाद खाली होने वाली सीटों के लिए चुनाव की घोषणा की। राज्यसभा की रिक्त होने वाली 11 सीटों के लिए 20 नवंबर को चुनाव कराया जाएगा और
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। निर्वाचन आयोग ने सोमवार को राज्यसभा में प्रत्येक दो साल बाद खाली होने वाली सीटों के लिए चुनाव की घोषणा की। राज्यसभा की रिक्त होने वाली 11 सीटों के लिए 20 नवंबर को चुनाव कराया जाएगा और उसी दिन नतीजे भी घोषित कर दिए जाएंगे। इनमें 10 सीटें उत्तर प्रदेश से खाली हो रही हैं, जबकि एक सीट उत्तराखंड से रिक्त हो रही है।
उत्तर प्रदेश की खाली होने वाली सीटों में से छह पर बसपा का कब्जा है, जबकि दो सीटें सपा के पास हैं। राज्य में विधानसभा के पिछले चुनाव के बाद राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं। कमजोर हो चुकी बसपा के हाथ से चार सीटें निकलकर सपा के खाते में जाने की पूरी संभावना है।
घोषित चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक तीन नवंबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, जो 10 नवंबर तक चलेगी। नामांकन वापसी की तिथि 13 नवंबर निर्धारित की गई है। राज्यसभा में सपा के पूर्व नेता अमर सिंह, सपा महासचिव रामगोपाल यादव, बसपा नेता ब्रजेश पाठक और भाजपा नेता कुसुम राय का कार्यकाल 25 नवंबर को खत्म हो जाएगा।
कार्यकाल खत्म होने वालों में बसपा के छह, सपा के दो, भाजपा का एक और एक निर्दलीय सदस्य का नाम शामिल है। उत्तर प्रदेश विधानसभा के पिछले चुनाव के बाद बसपा के लिए राज्यसभा में अपनी मौजूदा सीटों को बचा पाना कठिन होगा। इस चुनाव में सपा ने भारी बहुमत लेकर 221 सदस्यों के साथ सरकार का गठन किया था जबकि बसपा को सिर्फ 80 विधायकों से ही संतोष करना पड़ा। राज्यसभा के चुनाव में विधायकों की संख्या के आधार पर सदस्यों का चुनाव होता है। इन बदली हुई परिस्थितियों में बसपा के लिए मुश्किलें पेश आनी तय हैं। आयोग ने उत्तराखंड में भाजपा के भगत सिंह कोश्यारी के लोकसभा चुनाव में जीत जाने से खाली हुई सीट के लिए भी चुनाव की घोषणा की है। राज्यसभा में कार्यकाल खत्म होने वाले सदस्यों में अखिलेशदास, अवतार सिंह करीमपुरी, बृजलाल खाबरी, बृजेश पाठक, राजाराम व वीर सिंह (सभी बसपा) शामिल हैं। अमर सिंह व रामगोपाल यादव सपा से जीतकर आए हैं। कुसुम राय भाजपा और मोहम्मद अदीब कांग्रेस से जीतकर सदन पहुंचे हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा में राजनीतिक दलों की संख्या की ताकत के हिसाब से सपा छह सीटें जीत सकती है, जबकि बसपा दो और भाजपा एक सीट पर अपने सदस्य राज्यसभा भेजने की स्थिति में है। एक अन्य सीट पर कांग्रेस व रालोद गठबंधन अथवा कोई अन्य गठजोड़ का प्रत्याशी राज्यसभा पहुंच सकता है।