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आदिल के पिता ने राजीव गांधी को धमकी दी थी!

गांधी परिवार के नजदीकी जिन आदिल शहरयार को वारेन एंडरसन के बदले छोड़े जाने का जिक्र बुधवार को लोकसभा में विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने किया था उन्हें अमेरिका में आगजनी और बम रखने के आरोप में 35 साल की कैद की सजा मिली थी। लेकिन राजीव गांधी की मेहरबानी से

By Sudhir JhaEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2015 08:47 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2015 09:35 PM (IST)

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। गांधी परिवार के नजदीकी जिन आदिल शहरयार को वारेन एंडरसन के बदले छोड़े जाने का जिक्र बुधवार को लोकसभा में विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने किया था उन्हें अमेरिका में आगजनी और बम रखने के आरोप में 35 साल की कैद की सजा मिली थी। लेकिन राजीव गांधी की मेहरबानी से तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने को 11 जून, 1985 को आदिल को क्षमादान दे दिया था।

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आदिल शहरयार को 30 अगस्त, 1981 में अमेरिका के मियामी में शेरेटन बीच होटल में आगजनी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बाद में जांच के दौरान एफबीआइ को पता चला कि एक जलपोत को बम विस्फोट से उड़ाने के प्रयास में भी उनकी संलिप्तता थी। आदिल ने उस कंटेनर में बम रख दिया था जिसमें वीडियो टेप लदे थे। इस कंटेनर को पोत में लादा जाने वाला था। लेकिन पोत के तट पर पहुंचने में देर होने की वजह से इस साजिश का भंडाफोड़ हो गया।

उन्हें 35 साल की कैद की सजा मिली। लेकिन 1984 की भोपाल गैस त्रासदी और एंडरसन प्रकरण के बाद जब अगले साल राजीव गांधी अमेरिका के दौरे पर गए तो राष्ट्रपति रीगन ने उसी रोज आदिल को रिहा करने के आदेश दे दिए। आम तौर पर अमेरिका में राष्ट्रपति के क्षमादान से जुड़े मामलों को प्रचारित नहीं किया जाता। किंतु शहरयार के मामले में न केवल ऐसा हुआ, बल्कि बाकायदा रिलीज जारी कर भारतीय समाचारपत्रों ने उसे छपवाया गया। उस वक्त पूछे जाने पर राजीव गांधी ने कहा था कि 'हमारा मानना है कि शहरयार पर लगे आरोप गलत हैं।'

आदिल शहरयार से गांधी परिवार के रिश्तों की कहानी कम रोचक नहीं है। आदिल के पिता मोहम्मद यूनुस भारतीय विदेश सेवा के एक अधिकारी और बादशाह अब्दुल गफ्फार खान (सीमांत गांधी) के रिश्तेदार थे। इस नाते प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू उन पर बहुत भरोसा करते थे। यहां तक कि कहा जाता है कि उन्होंने सुभाष चंद बोस की फाइलों की सुरक्षा का जिम्मा भी उन्हें ही सौंप रखा था। यूनुस की इकलौती संतान होने के कारण आदिल बचपन से ही गांधी परिवार से नजदीक रहे थे और वह राजीव गांधी व संजय गांधी से उनकी दोस्ती थी। यूनुस और आदिल ने इन संबंधों का भरपूर फायदा उठाया। कहा तो यहां तक जाता है कि यूनुस ने राजीव गांधी को धमकी दी थी कि यदि उन्होंने उनके बेटे को नहीं छुड़वाया तो वह नेताजी सुभाष चंद बोस मामले में उनके दादा की भूमिका को जगजाहिर कर देंगे।

बेटे को छुड़वाने के लिए यूनुस ने हालीवुड के अपने मित्र कार्लटन हेस्टन से भी गुहार लगाई थी। जिस पर हेस्टन ने अमेरिकी अटार्नी जनरल से भारत सरकार व गांधी परिवार से यूनुस की नजदीकी का वास्ता देकर आदिल के साथ 'उचित व्यवहार' किए जाने की सिफारिश की थी। आदिल को छुड़वाने के लिए तत्कालीन राजीव गांधी सरकार के अधिकारी कितना व्यग्र थे इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक अधिकारी ने हेस्टन से यहां तक कह दिया था कि अमेरिका ऐसा विचित्र देश है जहां राष्ट्रपति को गोली मारने वाला व्यक्ति तो आसानी से छूट जाता है, जबकि धोखाधड़ी में नाकाम आदमी को 35 साल की सजा हो जाती है। हालांकि इन तमाम सिफारिशों का कोई फायदा नहीं हुआ और अंतत: राजीव गांधी को सीधे दखल देना पड़ा।

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