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पहाड़ों के लिए कहर बनती जा रही है बारिश

हालांकि मैदानी इलाकों में बारिश का असर कुछ कम देखने को मिल रहा है किंतु पहाड़ी इलाकों में मौसम का बिगड़ा मिजाज जमकर कहर बरपा रहा है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2015 08:44 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2015 08:57 PM (IST)

जेएनएन, नई दिल्ली । हालांकि मैदानी इलाकों में बारिश का असर कुछ कम देखने को मिल रहा है किंतु पहाड़ी इलाकों में मौसम का बिगड़ा मिजाज जमकर कहर बरपा रहा है। कई स्थानों पर बादल फटने तथा भूस्खलन की घटनाओं के कारण जान-माल की हानि तो हुई ही है साथ ही सामान्य जनजीवन भी प्रभावित हुआ है।

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कश्मीर और उत्तराखंड बारिश और भूस्खलन में कारण वहां जारी तीर्थ यात्राएं भी प्रभावित हुई हैं। जम्मू-कश्मीर में पुंछ जिले की मेंढर तहसील के छत्राल गांव में बुधवार की रात बादल फटने से दो मकान पानी के तेज बहाव में बह गए, जबकि दस मकान क्षतिग्रस्त हो गए। परिवार के सदस्यों ने किसी तरह अपनी जान बचाई। इसके साथ ही बिजली विभाग के ग्रिड स्टेशन को भी काफी नुकसान पहुंचा है। तीन से चार पुल भी क्षतिग्रस्त हो चुके हैं जिससे कई क्षेत्रों का संपर्क कट गया है। वहीं, राजौरी शहर में भी जोरदार बारिश से लोगों को काफी नुकसान हुआ है।

वहीं, सुरनकोट तहसील के मड़ा गांव में भी बादल फटने से तीन कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। अभी भी इन क्षेत्रों में तेज बारिश हो रही है। नदी-नालों में पानी का स्तर बढ़ता ही जा रहा है। जम्मू-पुंछ हाइवे पर वैष्णो मोड़ के पास बनी अस्थायी पुलिया फिर से क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे हाइवे पर वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है। बाद में सीमा सड़क संगठन ने अस्थायी पुलिया का निर्माण कर वाहनों की आवाजाही बहाल की। शीमा मोड़ के पास नाले का पानी रास्ते में जो भी मोटरसाइकिल व चार पहिया वाहन आए, उन्हें अपने साथ बहा ले गया।

टिहरी में बादल फटा, एक मलबे में जिंदा दफन

उत्तराखंड में बुधवार रात से मौसम ने कहर बरपाना शुरू किया जो गुरुवार तक जारी रहा। खराब मौसम के कारण गुरुवार को दोपहर तक गंगोत्री, यमुनोत्री व बदरीनाथ हाईवे बाधित रहे। इसके बावजूद यात्रा जारी रही। टिहरी जिले की आरगढ़ पट्टी के जसपुर और घैरका गांव के निकट बादल फटने से काफी तबाही हुई। जसपुर में एक व्यक्ति मलबे में जिंदा दफन हो गया, जबकि दो बच्चों समेत सात अन्य घायल हो गए। मलबे की चपेट में आने से एक मकान जमींदोज और दस मकान क्षतिग्रस्त हो गए।

डीएम युगल किशोर पंत ने इसकी पुष्टि की। उत्तरकाशी जिले के डुंडा विकासखंड की वरुणाघाटी सिया तोक में आकाशीय बिजली से पांच लोग घायल हो गए। बादल फटने की घटना बुधवार रात करीब दो बजे की है। उधर बारिश के कारण गंगोत्री मार्ग आठ घंटे, यमुनोत्री मार्ग छह घंटे और बदरीनाथ मार्ग विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन की वजह से पांच घंटे बाधित रहा। बीआरओ को इन्हें खोलने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। राज्य मौसम केंद्र के अनुसार अगले चौबीस घंटों में उत्तराखंड में अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है।

उत्तर प्रदेश में नदियों का जलस्तर स्थिर, कटान जारी

उत्तर प्रदेश में नदियों का जलस्तर गुरुवार को स्थिर रहा। तटवर्तीय इलाकों में तेजी से कटान कर रही नदियों की वजह से खतरा अभी बरकरार है। वही, पिछले कुछ दिनों से बारिश न होने की वजह से गर्मी और उमस से लोग बेहाल हैं। फतेहपुर में गंगा के जलस्तर में वृद्धि देखी जा रही है, जबकि इलाहाबाद, फर्रुखाबाद, हरदोई, कन्नौज तथा कानपुर में गंगा स्थिर हैं।

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