रेल अफसर 15 दिन में दो बार करें कार्यस्थलों का दौरा
पिछले महीने एक पत्र में रेलवे बोर्ड ने निर्देश दिया कि सिविल इंजीनिय¨रग विभाग के वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड (एसएजी) स्तर के अधिकारियों को मनोनीत कर एक-एक प्रखंड आवंटित किए जाएं।
नई दिल्ली, प्रेट्र : रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को अब 15 दिन यानी एक पखवाड़े में दो दिन उन कार्यस्थलों पर जाना होगा, जहां सुरक्षा संबंधी काम चल रहा है। इससे उन कार्यो का बेहतर तरीके से क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सकेगा।
पिछले महीने एक पत्र में रेलवे बोर्ड ने निर्देश दिया कि सिविल इंजीनियरिंग विभाग के वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड (एसएजी) स्तर के अधिकारियों को मनोनीत कर एक-एक प्रखंड आवंटित किए जाएं। ये अधिकारी अपने-अपने आवंटित क्षेत्र में सुरक्षा से संबंधित कार्यो को देखेंगे। इनमें ट्रैक का नवीकरण, पुल का पुनर्वास, मानवरहित रेलवे क्रासिंग को खत्म करना, प्लेटफार्म बनाना और ट्रैक के रखरखाव से संबंधित अन्य कार्य शामिल हैं।
पत्र में कहा गया है, मनोनीत अधिकारियों को अपने-अपने कार्यस्थलों पर जाकर काम की योजना के बारे में उचित निर्देशन देना होगा। इन अधिकारियों को अपनी साइट (कार्यस्थल) पर काम की शुरुआत में कम से कम एक सप्ताह के लिए ठहरना होगा। बाद में उन्हें आवंटित साइट पर मार्च, 2018 तक हर पंद्रह दिन में कम से कम दो बार जाना होगा।
एसएजी में कम से कम संयुक्त सचिव स्तर के ऐसे अधिकारी होने चाहिए, जिन्होंने औसतन 23 साल का सेवा कार्य पूरा कर लिया हो।
अगले वित्तीय वर्ष में रेलवे ने 10,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 8,000 किलोमीटर पुराने और कमजोर हो चुके ट्रैक को बदलने का लक्ष्य रखा है। सुरक्षा बेहतर करने के लिए नेटवर्क के सभी सिग्नलों का निरीक्षण भी किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि इससे अगले दो वर्षो में 50 फीसद तक ट्रेनों के पटरी से उतरने की घटनाएं कम हो जाएंगीं।