चोरी में पकड़े गए रेलवे कैटरिंग के कर्मचारी
रेलवे बोर्ड के एक अफसर ने माना कि रेलवे कैटरिंग की स्थिति बेहद खराब है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कैग रिपोर्ट ने रेलवे कैटरिंग एक चेहरे को उजागर किया है। इसका दूसरा चेहरा और भी विद्रूप है। जिसमें खाने की ज्यादा कीमत के अलावा यात्रियों से उनका सामान भी लूट लिया जाता है। इसकी बानगी पिछले दिनो दिल्ली-मुंबई राजधानी ट्रेन में मिली। जिसमें आधा दर्जन यात्रियों का कीमती सामान कैटरिंग स्टाफ ने साफ कर दिया। इनमें रेलवे हिंदी सलाहकार समिति के एक सदस्य हामिद अली और उनकी पत्नी भी शामिल थीं।
यह वाकया 17 जुलाई की शाम दिल्ली-मुंबई राजधानी के कोच नंबर ए-1 का है। हामिद अली व उनकी पत्नी क्रमश: बर्थ-19 और 20 पर थीं। सूरत में कई यात्रियों ने सामान गायब होने पर हंगामा किया तो जीआरपी ने कैटरिंग स्टाफ की तलाशी ली। जिस पर कई कर्मियों के फूड बॉक्स से चोरी का सामान बरामद हुआ। लेकिन अली के सामान का पता नहीं लगा। इसमें उनका व उनकी पत्नी का पर्स, सोने की चेन, दोनों के मोबाइल फोन के अलावा नकद 74 हजार रुपये शामिल थे।
अली को सबसे ज्यादा अफसोस इस बात का है कि परिचय देने के बावजूद जीआरपी ने एफआइआर लिखने में आनाकानी की। उनके मुताबिक, रेलवे ने राजधानी में जिस ठेकेदार को कैटरिंग का ठेका दिया है उसके किसी कर्मचारी का पुलिस वैरीफिकेशन नहीं हुआ है। उन्होंने रेलवे बोर्ड के अफसरों को भी घटना की जानकारी दी। परंतु जांच के आश्वासन के अलावा कुछ नहीं हुआ।
रेलवे बोर्ड के एक अफसर ने माना कि रेलवे कैटरिंग की स्थिति बेहद खराब है। इसीलिए तो नई कैटरिंग पालिसी लाई गई है। उन्होंने कैटरिंग स्टाफ के पुलिस वैरीफिकेशन के विचार पर सहमति जताई। लेकिन कहा कि इससे खाना और महंगा हो जाएगा। क्योंकि तब ठेकेदार को कर्मचारियों को ज्यादा वेतन देना पड़ेगा
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