रेलवे बोर्ड ने निकाली नई तरकीब, अब ट्रेनें दौड़ेंगी राइट टाइम
दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर ट्रेनों की संख्या अधिक होने के कारण ही करीब 90 फीसद ट्रेनें लेट चलती हैं।
कानपुर [जमीर सिद्दीकी]। दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर ट्रेनों की संख्या अधिक होने के कारण ही करीब 90 फीसद ट्रेनें लेट चलती हैं। तमाम कोशिशों के बाद भी इस रूट पर ट्रेन संचालन राइट टाइम आते न देखकर रेलवे बोर्ड ने एक नयी तरकीब निकाली है। योजना है कि सवारी ट्रेनों को लेट होने से बचाने के लिए दिल्ली-हावड़ा रूट पर मालगाडि़यों को बाईपास रूट से निकाल दिया जाए। इसके लिए मुख्य रूट के आसपास से निकलने वाले उन ट्रैक को देखा जा रहा है, जिन पर ट्रेनों की संख्या कम है।
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रेलवे के सर्वे में दिल्ली से कानपुर के बीच प्रतिदिन औसतन 200 से अधिक सवारी ट्रेनें और 100 से अधिक मालगाडि़यां दौड़ने की बात सामने आयी है। इन मालगाडि़यों को निकालने के लिये किसी न किसी स्टेशन पर सवारी गाड़ी को रोकना पड़ता है। ये सिलसिला आगे हावड़ा तक चलता रहता है। इसके चलते ही 90 फीसद यात्री ट्रेनें कोई भी मौसम हो, लेट होती रहती हैं। यही वजह है कि राजधानी एक्सप्रेस की गति भले ही 130 किमी प्रति घंटा है, लेकिन इस ट्रेन की औसत गति भी 80 से 100 किमी प्रति घंटा के बीच ही निकल पाती है।
गोमती, तूफान की कछुआ चाल
दिल्ली-हावड़ा रूट पर मालगाडि़यों को निकालने के लिए सबसे ज्यादा गोमती एक्सप्रेस, तूफान मेल, आनंद विहार कोलकाता एक्सप्रेस, महानंदा एक्सप्रेस जैसी एक दर्जन से अधिक ट्रेनें बलि का बकरा बनती हैं। इसके चलते ये ट्रेनें अक्सर 10 से 15 घंटे तक लेट हो जाती हैं या फिर इन्हें निरस्त करना पड़ता है।
इन रूटों से भेजेंगे मालगाडि़यां
दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग को सवारी ट्रेनों के लिए खाली करने के लिए मालगाडि़यां को इन रूटों पर डालने की योजना है।
-दिल्ली से वाया अलीगढ़, टूंडला इटावा होते हुए आने वाली मालगाड़ी वाया फर्रुखाबाद, अनवरगंज आएंगी।
-बरेली, शाहजहांपुर होते हुए लखनऊ से कानपुर आने वाली मालगाडि़यां बरेली से कासगंज, फर्रुखाबाद होते हुए कानपुर भेजी जाएंगी।
-कानपुर की ओर से दिल्ली की ओर जाने वाली अधिकांश मालगाडि़यां इटावा से मैनपुरी के रेलवे रूट पर डालेंगे।
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दिल्ली-हावड़ा रूट का हाल
-कुल ट्रेनें सवारी 250
-कुल मालगाडि़यां 150
-समर स्पेशल ट्रेनें 50
-त्योहार स्पेशल 26
-यात्री प्रतिदिन 1.5 लाख