आगरा :प्रशासन ने उठाया कदम, खतरनाक हो रहे चूहों को मारने का टेंडर
भले ही डरपोक लोगों को चूहे की उपाधि दी जाती हो, लेकिन उत्तर मध्य रेलवे व आगरा मंडल के स्टेशनों में चूहों का आतंक है। ये चूहे ट्रैक के लिए खतरा बन गए हैं। लिहाजा रेलवे ने इनके खात्मे का निश्चय किया है।
आगरा । भले ही डरपोक लोगों को चूहे की उपाधि दी जाती हो, लेकिन उत्तर मध्य रेलवे व आगरा मंडल के स्टेशनों में चूहों का आतंक है। ये चूहे ट्रैक के लिए खतरा बन गए हैं। लिहाजा रेलवे ने इनके खात्मे का निश्चय किया है। प्रत्येक स्टेशन पर 'सुपारी' दी जाएगी। बाकायदा टेंडर निकालकर चूहों का नामो-निशान मिटाया जाएगा।
आगरा रेल मंडल में कैंट स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक से तीन को वाशेबल किया जा चुका है। यहां दो प्लेटफॉर्म अभी भी नॉन वाशेबल श्रेणी के हैं। प्लेटफॉर्म पर यात्री खाने की चीजें ट्रैक पर फेंक देते हैं। इससे चूहे ट्रैक के किनारे (प्लेटफॉर्म की दीवार) होल बनाकर रहने लगते हैं। आगरा फोर्ट व राजा की मंडी सहित कई ऐसे स्टेशन हैं, जहां वाशेबल प्लेटफॉर्म नहीं हैं। ऐसे स्टेशनों पर चूहे ट्रैक के किनारे बिल बना लेते हैं और ट्रेनों की संरक्षा को खतरा पैदा हो जाता है। ट्रेन के कोच में पानी भरने या बारिश के दौरान ट्रैक के ऊपर पानी भरने से ये बिलों के माध्यम से ट्रैक के नीचे तक पहुंच जाता है। इससे ट्रैक कमजोर होने पर दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है। लिहाजा रेलवे अब चूहों को मारने का ठेका देने जा रहा है। इसके लिए जल्द ही टेंडर निकाले जा रहे हैं। ठेका स्टेशनवार उठाया जाएगा।
उत्तर मध्य रेलवे आगरा मंडल के जनसंपर्क अधिकारी भूपिंदर ढिल्लन ने बताया कि इस वित्तीय साल में चूहों को मारने का ठेका उठाया जा रहा है। जल्द ही प्रत्येक स्टेशन द्वारा टेंडर निकाला जाएगा।
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