छुट्टियों के बाद बैंकाक से लौटे राहुल, आज से काम शुरू
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की 58 दिनों की रहस्यमयी छुट्टी के बाद घर वापसी हो गई है। वह बजट सत्र से पहले आत्मचिंतन के लिए 16 फरवरी को छुट्टी पर चले गए थे। विदेश में बीते उनके अज्ञातवास से आधिकारिक रूप से अभी भी पर्दा नहीं उठाया गया है। हालांकि
नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की 58 दिनों की रहस्यमयी छुट्टी के बाद घर वापसी हो गई है। वह बजट सत्र से पहले आत्मचिंतन के लिए 16 फरवरी को छुट्टी पर चले गए थे। विदेश में बीते उनके अज्ञातवास से आधिकारिक रूप से अभी भी पर्दा नहीं उठाया गया है। शुक्रवार को वे कामकाज शुरू करेंगे।
44 वर्षीय राहुल गांधी की वतन वापसी से एक बार फिर कांग्रेस के सामने पार्टी नेतृत्व का मुद्दा मुखर हो सकता है। लिहाजा, पार्टी आलाकमान ने पार्टी नेताओं को नेतृत्व विवाद व राहुल को लेकर बयानबाजी से बचने की हिदायत दी है। राहुल पांच हफ्ते से भी अधिक लंबी छुट्टी के बाद गुरुवार की सुबह 11.15 बजे थाई एयरवेज के विमान से बैंकाक से नई दिल्ली पहुंचे।
हवाई अड्डे से सीधे 12 तुगलक लेन स्थित अपने घर गए। राहुल के घर में पहले से मौजूद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व उनकी बहन प्रियंका गांधी ने उनका स्वागत किया। वहां दो घंटे बिताने के बाद राहुल सोनिया के सरकारी आवास 10 जनपथ पहुंचे।
पार्टी कार्यकर्ताओं ने पटाखे छुड़ाए
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राहुल की वापसी पर पटाखे छोड़े व नारेबाजी की। कांग्रेस ने राहुल की वापसी को पार्टी में 'जान' फूंकने वाली बताई। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भविष्य की आहट देते हुए कहा कि 'राहुल गांधी मजबूत इरादों के साथ पार्टी और देश का नेतृत्व करेंगे।'
उठेगा अध्यक्ष पद का सवाल
राहुल के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की खबरों के बीच पार्टी में उनके खिलाफ मुखर आवाजें भी खुलकर देश के सामने आई। कुछ ही दिन पहले अमरिंदर सिंह और शीला दीक्षित ने खुलकर सोनिया को ही अध्यक्ष पद पर बने रहने की राय जाहिर की।
यही नहीं, राज्यों में भी पार्टी राहुल-सोनिया के नाम पर आमने-सामने खड़ी नजर आई। इस बीच, राहुल के अध्यक्ष बनने को लेकर सोनिया के संकेतों के बीच अब पार्टी के भीतर राहुल की टीम में जगह पाने और बदलाव में बचे रहने की जंग शुरू हो गई है। जानकारी मिली है कि पार्टी के पुनर्गठन में सोनिया के भरोसे के नेताओं को जगह को लेकर विवाद हल किए गए हैं।
मीडिया के सामने तोड़ेंगे चुप्पी
सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी शुक्रवार से ही कामकाज संभाल लेंगे। राहुल शुक्रवार को बैठकों के दौर के साथ ही वह जल्द ही मीडिया के समक्ष अपनी बात रखेंगे। जबकि, रैली और देश में अलग-अलग वर्ग के साथ अलग-अलग राज्यों में जाकर वह लोगों से तारतम्य स्थापित करेंगे।
लोकसभा चुनाव में पार्टी की पराजय के बाद विदेश गए राहुल को लेकर कांग्रेस सवालों के घेरे में रही। पार्टी उपाध्यक्ष की छुट्टियों को लगातार बढ़ने व उनको लेकर सही सूचना के अभाव में पार्टी को कई बार असहज स्थिति का सामना करना पड़ा।
करेंगे किसान रैलियां
अब सबकी नजर राहुल के अगले कदम पर टिकी है। समूची पार्टी व कांग्रेस नेताओं की नजर 19 अप्रैल को होने वाली किसान रैली पर है जिसमें वह बढ़चढ़ कर हिस्सा लेंगे। इसके अलावा, वह शुक्रवार से दो दिन की किसान-खेत मजदूर रैली को भी संबोधित करेंगे। पिछले दो महीने से राहुल की गैर हाजिरी में सोनिया गांधी ही भूमि अधिग्रहण बिल पर सरकार से मोर्चा ले रही थीं।