बेलगाम में पुलिस कार्रवाई पर लोकसभा में हंगामा
कर्नाटक के बेलगाम में मराठी भाषी लोगों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई पर लोकसभा में बुधवार को जमकर हंगामा हुआ। इस वजह से लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। हालांकि हंगामे के दौरान लोकसभा की स्पीकर ने शिवसेना के सदस्यों को समझाने की भी कोशिश की, मगर वह नहीं माने। इस दौरान शिवसेना के सदस्यों ने कर्नाटक में पुलिसिय
नई दिल्ली। कर्नाटक के बेलगाम में मराठी भाषी लोगों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई पर लोकसभा में बुधवार को जमकर हंगामा हुआ। इस वजह से लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। हालांकि हंगामे के दौरान लोकसभा की स्पीकर ने शिवसेना के सदस्यों को समझाने की भी कोशिश की, मगर वह नहीं माने। इस दौरान शिवसेना के सदस्यों ने कर्नाटक में पुलिसिया कार्रवाई में घायल हुए लोगों की तस्वीरें भी दिखाई।
महाराष्ट्र में मराठी मानुष और मराठी भाषा के समर्थन और अन्य भाषाओं के विरोध की राजनीति करती रही शिवसेना कर्नाटक के येल्लूर में मराठी बोलने वालों पर पुलिस की कार्रवाई से तिलमिला गई है। शिवसेना ने इसे आतंकी हरकत करार देते हुए राजग सरकार से येल्लूर को केंद्रशासित क्षेत्र घोषित करने की मांग की है।
रविवार को कर्नाटक पुलिस ने पथराव कर रहे मराठियों को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज किया था।
सोमवार को शिवसेना-भाजपा के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने कर्नाटक पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया था। शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि हम नरेंद्र मोदी में एक मजबूत प्रधानमंत्री और राजनाथ सिंह में सशक्त गृह मंत्री देखते हैं। कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा पर रहने वाले मराठी भाषी लोगों को दोनों से काफी उम्मीदें हैं। अगर कर्नाटक पुलिस मराठियों के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में शामिल है, तो इस आतंकवाद को काबू करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर है। महाराष्ट्र सरकार की अक्षमता के कारण केंद्र से मामले में हस्तक्षेप की मांग की जा रही है। लेख में सवाल उठाया गया है कि महाराष्ट्र सदन में कैंटीन कर्मी को रोटी खिलाने पर हंगामा करने वाले दल क्या इस मसले पर भी कुछ बोलेंगे? महाराष्ट्र विधान परिषद में नेता विपक्ष विनोद तावड़े ने पूछा कि इस मसले पर कांग्रेस खामोश क्यों है?
दरअसल, शुक्रवार को लोक निर्माण विभाग ने हाई कोर्ट के निर्देश पर महाराष्ट्र के एक साइनबोर्ड को गिरा दिया था। शनिवार को महाराष्ट्र समर्थकों व संगठनों ने बोर्ड वापस उसी जगह लगा दिया। रविवार को जिला प्रशासन ने इस विवादित बोर्ड को फिर से हटा दिया। बोर्ड हटने के बाद वहां भीड़ जुट गई और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। नतीजतन पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था।
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