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मोदी के रथ को रोकने के लिए उतरेंगी प्रियंका?

बनारस में नरेन्द्र मोदी के सामने कांग्रेस से कौन? यह सवाल कांग्रेस से लेकर आमजन को भी परेशान किए है। दिग्गी राजा के बाद अब प्रियंका गांधी का भी नाम उछला है। प्रियंका पर सक्रिय राजनीति में भाग लेने व वाराणसी से चुनाव लड़ने का दवाब बढ़ता जा रहा है। हालांकि पार्टी स्थानीय स्तर पर भी किसी कद्दावर की तल

By Edited By: Published: Mon, 24 Mar 2014 11:18 AM (IST)Updated: Mon, 24 Mar 2014 12:06 PM (IST)
मोदी के रथ को रोकने के लिए उतरेंगी प्रियंका?

[डा. रवीन्द्र मिश्र], वाराणसी। बनारस में नरेन्द्र मोदी के सामने कांग्रेस से कौन? यह सवाल कांग्रेस से लेकर आमजन को भी परेशान किए है। दिग्गी राजा के बाद अब प्रियंका गांधी का भी नाम उछला है। प्रियंका पर सक्रिय राजनीति में भाग लेने व वाराणसी से चुनाव लड़ने का दवाब बढ़ता जा रहा है। हालांकि पार्टी स्थानीय स्तर पर भी किसी कद्दावर की तलाश में जुटी है, जो नमो को कड़ी टक्कर दे सके।

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पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं का मानना है कि प्रियंका में वो सब सम्भावनाएं हैं जो एक पूर्ण राजनीतिज्ञ में होनी चाहिए और जनता भी उनमे दूसरी इंदिरा की छवि देख रही है। जनता में बढ़ती राजनैतिक अविश्वसनीयता के बीच अगर विश्वास का चेहरा दल अथवा दल के बाहर कोई देखा जा रहा है तो वह हैं प्रियंका गांधी। उधर, पार्टी सूत्रों के अनुसार प्रियंका यूपी में कांग्रेस के खोए जनाधार को वापस लाने के लिए तैयार हैं। वह इस वक्त कांग्रेस का वार रूम संभाल रही है और राहुल गांधी के कार्यक्त्रमों के अलावा पार्टी को अपनी राय भी दे रही हैं। कांग्रेस के अधिकांश नेताओं का यह मानना है कि प्रियंका प्रचार करें व लोकसभा का चुनाव भी लड़ें जिससे कार्यकर्ताओं व नेताओं के डगमगाते आत्मविस्वास को फिर से हासिल किया जा सके। वहीं प्रियंका ने मोदी के खिलाफ उनके चुनाव लड़ने की बयानबाजी पर सख्त नाराजगी जताई है। बयानबाजी करने वालों को प्रियंका ने चेतावनी देते हुए कहा कि मोदी के खिलाफ कौन लड़े और कौन ना लड़े इसका फैसला कांग्रेस कार्यसमिति यानी सीडब्ल्यूसी पर छोड़ा जाय। उनका यह भी कहना हैकि इस तरह की बयानबाजी से जनता केबीच गलत संदेश जा रहा है। वो यह कि कांग्रेस असमंजस में है और उसके पास प्रत्याशी नहीं है। पार्टी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस 25 को होने वाली अरविंद केजरीवाल की रैली के बाद ही प्रत्याशी तय करेगी।

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कांग्रेस के जोनल प्रवक्ता अनिल श्रीवास्तव की माने तो नमो के खिलाफ प्रियंका को लड़ाने की खबर यूं ही नहीं उछली है इसके पीछे ठोस तर्क हैं। पार्टी के शीर्ष नेताओं में एक वर्ग ऐसा है जिसका स्पष्ट मत है कि प्रियंका न सिर्फ नमो को जबर्दस्त टक्कर दे सकती हैं बल्कि यूपी में कांग्रेस के खोए जनाधार को भी वापस ला सकती हैं।


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