स्टडी टूर में लापरवाही, छात्र को 50 लाख मुअावजा देने का अादेश
आरोप है कि स्टडी टूर के दौरान शिक्षकों की लापरवाही के चलते छात्रा को दिमागी सूजन का शिकार होना पड़ा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। शीर्ष उपभोक्ता अदालत ने बेंगलुरु के निजी शिक्षण संस्थान को बतौर मुआवजा 50 लाख रुपये शिकायतकर्ता छात्रा को देने का आदेश दिया है। आरोप है कि स्टडी टूर के दौरान शिक्षकों की लापरवाही के चलते छात्रा को दिमागी सूजन का शिकार होना पड़ा।
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने बीएनएम एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की याचिका को निपटाते हुए यह आदेश दिया। आयोग ने कहा कि ट्रिप में छात्रों के साथ जाने वाले शिक्षकों ने लापरवाही बरती। हालांकि एनसीडीआरसी ने राज्य आयोग द्वारा तय की गई मुआवजा राशि 88.7 लाख रुपये को घटाकर 50 लाख रुपये कर दी। उपभोक्ता आयोग में शिकायत की गई थी कि दिसंबर 2006 में उत्तर भारत के लिए आयोजित ट्रिप में शामिल अक्षांता को दिल्ली पहुंचने पर बुखार हो गया। लेकिन साथ में गए शिक्षकों ने उसकी उचित देखभाल नहीं की।
आरोप लगाया गया कि खराब स्वास्थ्य के बावजूद उसकी यात्रा जारी रखी गई। शीर्ष आयोग ने चिकित्सा रिपोर्ट पर नजर डालने के बाद कहा कि छात्रा को तत्काल योग्य चिकित्सकों से इलाज की जरूरत थी लेकिन इसकी अवहेलना की गई। हालांकि शिक्षण संस्थान का कहना था कि छात्रा की तबीयत पहले से खराब थी और इस बात जानकारी नहीं दी गई। लेकिन शीर्ष आयोग ने इसे नहीं माना।
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