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कैबिनेट की बैठक में सूखे पर प्रधानमंत्री ने जताई चिंता, प्रबंधन में जुटी सरकार

केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सूखे की विभिषिका को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिंता जताई है। जिसके बाद सरकार इसके पुख्ता प्रबंधन में जुट गई है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Wed, 20 Apr 2016 09:14 PM (IST)Updated: Wed, 20 Apr 2016 10:20 PM (IST)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश के विभिन्न हिस्सों में सूखे की विभीषिका को देखते हुए केंद्र सरकार इसके पुख्ता प्रबंधन में जुट गई है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूखे पर चिंता जताई है। केंद्रीय जलवायु परिवर्तन व पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री सूखे को लेकर बेहद संवेदनशील है। सूखाग्रस्त क्षेत्रों की समस्याओं से निपटने के लिए पर्याप्त सुविधाएं मुहैया कराने के प्रबंध किए जा रहे हैं।

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कैबिनेट की बैठक में हुए फैसलों की जानकारी देने आए जावड़ेकर से सूखे को लेकर कई सवाल किए गए। जवाब में उन्होंने कहा कि सूखा प्रभावित राज्यों को हरसंभव मदद दी जा रही है। इसके लिए राज्यों से तत्काल रिपोर्ट भेजने के साथ लोगों को पेयजल और अन्य सुविधाएं देने के निर्देश दिए गए हैैं। केंद्रीय स्तर पर कैबिनेट सचिव लगातार संबंधित सूखा प्रभावित राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कांफ्रेंस कर जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। पिछले सप्ताह प्रमुख मंत्रालयों के सचिवों और राज्यों के मुख्य सचिवों की बैठक में सूखे की समीक्षा की गई।

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केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने सूखे से जुड़े सवालों के जवाब में कहा कि सूखे से निपटने के मामले में बेहद संवेदनशील हैं। सरकार ठोस कदम उठा रही है। सूखे से उपजे हालात पर काबू पाने के हरसंभव उपाय किए जा रहे हैं। कमजोर मानसून के सालों में पानी की कमी को देखते हुए जलापूर्ति के स्थायी उपाय किए जा रहे हैं।

देश के 10 राज्योंं के 256 जिलों में सूखे का गंभीर असर है, जहां पिछले दो सालोंं के मानसून सीजन में कम बारिश हुई थी। इससे महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में पेयजल का संकट पैदा हो गया है। जावड़ेकर ने कहा, 'उनकी सरकार सूखा व पेयजल को लेकर बहुत गंभीर है। हमारी सरकार सूखे की चुनौतियों से निपटने के प्रबंधन में जुटी हुई है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के साथ सरकार प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, नदी जोड़ कार्यक्रम व अन्य उपाय कर रही है।

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जलवायु परिवर्तन से उपजने वाली मुश्किलों में सूखा प्रमुख है। लोगों को इस संकटों से निपटने के लिए योजनाएं चलाई गई हैं। जावड़ेकर ने कहा कि सरकार सूखाग्र्रस्त राज्योंं की निगरानी कर रही है। इन राज्यों के लिए उनकी जरूरत के हिसाब से राहत जारी कर दी गई है। ठोस उपायों के बाबत उन्होंने बताया कि सिंचाई के बजट में भारी बढ़ोतरी की गई है। राज्यों के साथ मिलकर केंद्र सूखे के समाधान का रास्ता तलाश रहा है।


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