पीएम मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट से 310 किमी की दूरी 30 किमी में सिमटी
पीएम मोदी ने इस फेरी सर्विस को अपना 'ड्रीम प्रोजेक्ट' करार दिया था। अाज वे इसके शुभारंभ के मौके पर घोघा में सभा को संबोधित करने के बाद एक बोट में सवार होकर दाहेज जाएंगे।
नई दिल्ली/ अहमदाबाद(एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को गुजरात के भावनगर में घोघा से भड़ौच के दाहेज तक खंबात की खाड़ी में समुद्री परिवहन की 'रोल ऑन--रोल ऑफ (रो-रो) फेरी सर्विस योजना के पहले चरण का उद्घाटन किया। इससे इन स्थानों की 310 किमी की सड़क मार्ग से दूरी समुद्री रास्ते से मात्र 30 किमी हो गई।
पीएम मोदी ने इस फेरी सर्विस को अपना 'ड्रीम प्रोजेक्ट' करार दिया था। पीएम इसके शुभारंभ के बाद घोघा में सभा को संबोधित किया। प्रधानमंत्री के गुजरात दौरे पर शनिवार को आधिकारिक बयान जारी किया गया। इसमें कहा गया है, 'इस फेरी सेवा (रॉल-ऑन/रॉल-ऑफ) से सौराष्ट्र के घोघा और दक्षिण में स्थित दाहेज की दूरी एक घंटे से कुछ ज्यादा समय में पूरी कर ली जाएगी। फिलहाल लोगों को सात-आठ घंटे लगते हैं। सेवा के पूर्ण रूप से अमल में आने पर इससे वाहन भी गुजर सकेंगे।'
जानिए क्या है रो-रो सेवा
जैसा कि नाम से ही साफ है कि किसी सामान को लादना और फिर उसे उतारना। इसमें जहाजों को इस तरह से तैयार किया जाता है, जिनमें कारों, ट्रकों, सेमी-ट्रेलर ट्रकों, ट्रेलर्स और अन्य चीजों को लादा जा सकता है। इसके अलावा लोग भी इसमें सफर कर सकते हैं। यह लिफ्ट ऑन सर्विस से ठीक उलट है, जिसमें क्रेन से किसी सामान को उठाया जाता है और दूसरे स्थान पर रखा जाता है। रो-रो सेवा के लिए जहाजों को इस तरह से तैयार किया जाता है कि बंदरगाहों पर इनमें सामानों को आसानी से लादा जा सके और उतारा जा सके।
यूं 31 किलोमीटर हो जाएगा 310 किमी का सफर
पीएम मोदी ने सौराष्ट्र के भावनगर जिले में स्थित घोघा बंदरगाह से रोल ऑन-रोल ऑफ सेवा के जरिए भरुच जिले तक करीब एक घंटे में पहुंचा जा सकेगा। इससे गुजरात के औद्योगिक क्षेत्रों के बीच कनेक्टिविटी मजबूत होगी। समुद्री रास्ते की बात करें तो भावनगर का घोघा दूसरी तरफ स्थित भरुच के दाहेज से करीब 31 किलोमीटर की दूरी पर है। सड़क मार्ग से यह सफर 310 किलोमीटर का था, जिसे तय करने में 8 से 9 घंटे तक लगते थे। यह भारत में अपनी तरह की पहली सेवा है। इससे एक जहाज यानी फेरी पर 100 वाहन (कार, बस और ट्रक) और 250 यात्री सफर कर सकेंगे। आमतौर पर समुद्र में लंबे सफर पर जाने वाले जहाजों के लिए रो-रो टर्म का इस्तेमाल किया जाता रहा है।