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शिक्षा क्षेत्र में खोया गौरव हासिल करना होगा : प्रणब मुखर्जी

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को शिक्षक दिवस के मौके पर देश का आह्वान किया है कि वह शिक्षा के क्षेत्र में अपना खोया हुआ गौरव फिर हासिल करे। उन्होंने छात्रों में नैतिक मूल्यों की स्थापना के लिए श्रेष्ठ शिक्षकों की जरूरत पर भी जोर दिया। उधर, मानव संसाधन विकास

By Manoj YadavEdited By: Published: Sat, 05 Sep 2015 09:00 PM (IST)Updated: Sat, 05 Sep 2015 09:03 PM (IST)
शिक्षा क्षेत्र में खोया गौरव हासिल करना होगा : प्रणब मुखर्जी

नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को शिक्षक दिवस के मौके पर देश का आह्वान किया है कि वह शिक्षा के क्षेत्र में अपना खोया हुआ गौरव फिर हासिल करे।

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उन्होंने छात्रों में नैतिक मूल्यों की स्थापना के लिए श्रेष्ठ शिक्षकों की जरूरत पर भी जोर दिया। उधर, मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने ऐलान किया है कि छात्रों को देश की सांस्कृतिक विविधता से अवगत कराने के लिए दिसंबर से राष्ट्रीय स्तर पर 'कला उत्सव' नाम का कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।

राष्ट्रपति मुखर्जी ने शिक्षक दिवस पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में देश भर के 338 चुनिंदा अध्यापकों को सम्मानित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि एक समय था जब भारत में नालंदा, तक्षशिला और विक्रमशिला जैसे श्रेष्ठतम विश्वविद्यालय थे जो दुनिया भर में विख्यात थे। हमें फिर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना शीर्ष स्थान हासिल करना है।

यह काम हम प्रतिभावान लोगों को अध्ययन-अध्यापन के काम में आकर्षित कर के ही कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि श्रेष्ठ शिक्षक ही छात्रों में जाति, धर्म, नस्ल और लिंग के भेद को दूर कर सहनशीलता, विविधता और भाईचारे का भाव पैदा कर सकते हैं। उन्होंने तेजी से बदलते समाज में शिक्षकों को भी उसी रफ्तार से बदलने की जरूरत बताई।

इस मौके पर शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि उनका मंत्रालय दिसंबर में राष्ट्रीय स्तर पर "कला उत्सव" आयोजित करेगा। यह वार्षिक आयोजन छात्रों को अपने-अपने प्रदेश की सांस्कृतिक विशेषता को राष्ट्रीय स्तर पर पेश करने का मंच देगा। इसके लिए सभी राज्यों में प्रतियोगिता आयोजित कर समूहों का चयन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए हर वर्ष एक थीम तय की जाएगी। इस वर्ष प्रतियोगिता की थीम 'बेटी बचाओ -बेटी पढ़ाओ' होगी। उन्होंने कहा कि लोग सिर्फ मातृ शक्ति की पूजा तक सीमित नहीं रहें, बल्कि स्त्री को गर्भ में आने के साथ ही उनका सम्मान और सुरक्षा उपलब्ध कराएं।

इसी तरह उन्होंने मंत्रालय के 'पढ़े भारत बढ़े भारत' कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि पहली और दूसरी कक्षा में पढ़ने, लिखने और अनुच्छेद लेखन की क्षमता विकसित करने पर विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने माना कि सरकारी स्कूलों में छठी से आठवीं तक के बच्चों में विज्ञान और गणित विषय में कुशलता का स्तर बहुत गिरा है।

उन्होंने कहा कि बच्चों को अगर समय से अक्षर का ठीक ज्ञान नहीं करवाया जाएगा तो उनकी नीव ही कमजोर रह जाएगी। मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्यों से कहा है कि अगले वर्ष से सम्मान के लिए चयनित शिक्षकों के सिर्फ नाम नहीं भेजें, बल्कि अध्यापन के क्षेत्र में उनकी खासियत के बारे में भी लिख कर भेजें। ये सभी उदाहरण पूरे देश से साझा किए जाएंगे।


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