नक्सलियों के गढ़ सुकमा में अंतिम युद्ध की तैयारी
बस्तर में भी म्यांमार की तर्ज पर कमांडो ऑपरेशन की तैयारी है। यह ऑपरेशन नक्सलियों के गढ़ सुकमा में होगा। निशाने पर माओवादियों की सबसे ताकतवर बटालियन और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का कमांडर हिडमा होगा।
नई दुनिया, रायपुर। बस्तर में भी म्यांमार की तर्ज पर कमांडो ऑपरेशन की तैयारी है। यह ऑपरेशन नक्सलियों के गढ़ सुकमा में होगा। निशाने पर माओवादियों की सबसे ताकतवर बटालियन और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का कमांडर हिडमा होगा।
देश के भीतर किसी एक नक्सल इलाके को घेर कर हमला करने की सुरक्षाबलों की यह पहली तैयारी है। 'नई दुनिया' को मिली जानकारी के मुताबिक, इस हमले के लिए जवानों का चयन हो चुका है और करीब 6 सौ जवानों को विशेष कमांडो ट्रेनिंग के लिए पूर्वोत्तर के किसी सैन्य प्रशिक्षण केंद्र में भेज दिया गया है।
नक्सल विरोधी अभियान की समीक्षा के लिए सोमवार को मंत्रालय में हुई बैठक से छनकर आई खबरें कहती हैं कि इस हमले की युद्ध स्तर पर तैयारी की जा रही है। यही नहीं जरूरत पड़ने पर इस ऑपरेशन में हवाई हमले के विकल्प को भी खुला रखा गया है।
केंद्र सरकार के नक्सल मामलों के वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार के. विजय कुमार लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वस्त और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल इस प्रस्तावित ऑपरेशन के सूत्रधार हैं।
म्यांमार की तर्ज पर होगी कार्रवाई
मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, यह सब कुछ पिछले दिनों म्यांमार में आतंकवादियों के खिलाफ हुए भारतीय सेना के ऑपरेशन की तर्ज पर होगा। अब इरादा यह है कि नक्सलियों के गढ़ सुकमा पर हमला कर माओवादियों की कमर तोड़ दी जाए।
20 से 25 दिन तक चलेगा ऑपरेशन
सूत्रों के मुताबिक, जिस स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं उससे लगता है कि यह बड़ा ऑपरेशन दक्षिण बस्तर में माओवादियों के खिलाफ छोटे-मोटे युद्ध जैसा ही होगा। अनुमान है कि यह ऑपरेशन कम से कम 20-25 दिन तक चलेगा।
संभावित ऑपरेशन पर एक नजर
01-जंगल में उतारे जाएंगे कमांडो
02- हेलीकॉप्टर का होगा प्रयोग
03- ड्रोन का होगा इस्तेमाल
04- हजारों जवान भी लेंगे हिस्सा
05-डीआरजी करेगी स्ट्राइक
06-अन्य जवान करेंगे घेराबंदी