प्रशांत भूषण ने खेतान पर लगाए 'पेड न्यूज' लिखने के आरोप
आम आदमी पार्टी [आप] के बागी नेता प्रशांत भूषण ने पार्टी के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रशांत ने पार्टी द्वारा भेजे गए कारण बताओ नोटिस का जवाब देते हुए कहा है कि उन पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। साथ ही पलटवार में अनुशासन समिति के सदस्य
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी [आप] के बागी नेता प्रशांत भूषण ने पार्टी के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रशांत ने पार्टी द्वारा भेजे गए कारण बताओ नोटिस का जवाब देते हुए कहा है कि उन पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। साथ ही पलटवार में अनुशासन समिति के सदस्य पंकज गुप्ता पर संदिग्ध कंपनियों से चंदा लेने और आशीषष खेतान पर एस्सार कंपनी के लिए 'पेड न्यूज' लिखने का गंभीर आरोप लगाया है।
17 अप्रैल को दिए गए नोटिस के जवाब में भूषण ने कहा कि जब पार्टी नेतृृत्व के गलत कामों के खिलाफ आवाज उठाने वालों को आप राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाल देते हैं, पार्टी को सिद्धांतों से दूर ले जाने को लेकर सवाल उठाने पर सदस्यों में भय पैदा किया जाता है तो हमें स्टालिन के खौफ की याद आती है।
नोटिस पर सवाल उठाते हुए प्रशांत भूषण ने कहा कि गुप्ता और खेतान ने उनके खिलाफ आरोप लगाए हैं, ऐसे में वे इस मामले में 'जज' कैसे हो सकते हैं। मालूम हो कि ये दोनों दिनेश वाघेला की अध्यक्षता वाली आप की राष्ट्रीय अनुशासन समिति के सदस्य हैं।
स्वराज संवाद आयोजित करने के मसले पर भूषण ने पार्टी संविधान का हवाला देते हुए कहा कि पदाधिकारियों को छोड़कर अन्य सदस्यों को पार्टी के अंदर और बाहर तब तक अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार है, बशर्ते पार्टी ने कोई पाबंदी नहीं लगाई हो। सिर्फ अलग राय रखना पार्टी की आचार संहिता या उद्देश्यों का उल्लंघन नहीं है।
क्या लगाए हैं आरोप
आशीष खेतान: तहलका पत्रिका में काम करने के दौरान एस्सार ग्रुप के पक्ष में खबर लिखने के लिए कंपनी से 3 करोड़ रुपये की रिश्वत ली। यह कंपनी 2जी घोटाले में आरोपी है। उनकी यह स्टोरी 31 दिसंबर 2011 को तहलका के अंक में छपी थी। उसमें खेतान ने सलमान खुर्शीद की राय के आधार पर एस्सार का बचाव किया था।
पंकज गुप्ता: पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति की अनुमति लिए बगैर 2 करोड़ रुपये का चेक फर्जी कंपनी से लिया। उल्लेखनीय है कि इस चेक विवाद की वजह से आप को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।
पार्टी संविधान का उल्लंघन कर रहा नेतृत्व : योगेंद्र
दूसरी तरफ, योगेंद्र यादव ने भी नोटिस का जवाब भेजते हुए पार्टी नेतृत्व पर पलटवार किया है। आप नेतृत्व पर पार्टी संविधान का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने दावा किया है कि जब पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दिया था, तब पार्टी की किसी ईकाई से संपर्क नहीं किया गया था। यादव ने राष्ट्रीय अनुशासन समिति को पार्टी लाइन के अनुसार नहीं चलने पर केजरीवाल के खिलाफ कार्रवाई करने की चुनौती दी। अभी बागी गुट के नेता प्रो. आनंद कुमार व अजित झा ने नोटिस का जवाब नहीं दिया है। इन दोनों के मंगलवार को अपना जवाब भेजे जाने की संभावना है।
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