सीएम रहते हुए भी वीरभद्र सिंह ली रिश्वत: प्रशांत भूषण
भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ दायर याचिका में शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष एक नई अर्जी दायर की गई है। इस अर्जी में वीरभद्र सिंह पर मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए भी भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया गया है। अर्जी पर 15 जनवरी को सुनवाई होने की स
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ दायर याचिका में शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष एक नई अर्जी दायर की गई है। इस अर्जी में वीरभद्र सिंह पर मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए भी भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया गया है। अर्जी पर 15 जनवरी को सुनवाई होने की संभावना है।
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वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण की ओर से दायर की गई अर्जी में कहा गया है कि वीरभद्र सिंह ने मुख्यमंत्री रहते हुए भी रिश्वत ली है और भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हैं। मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए वीरभद्र ने सांई कोठी कंपनी को हाइडिल पावर प्रोजेक्ट का ठेका दिया था। कंपनी ने यह प्रोजेक्ट पूरा नहीं किया। ऐसे में नियम के अनुसार यह प्रोजेक्ट किसी अन्य कंपनी को दिया जाना चाहिए था, मगर ऐसा न करके मुख्यमंत्री ने नियमों के विपरीत जाकर कंपनी को 10 महीने का एक्सटेंशन दे दिया। इसलिए उनके खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोप की जांच होनी जरूरी है। परंतु सीबीआइ या विशेष जांच दल इस मामले में तभी जांच कर सकती हैं, जब राज्य सरकार इस मामले में अनुशंसा करे या कोर्ट आदेश जारी करे। गौरतलब है कि पूर्व में भी एक जनहित याचिका दायर कर वीरभद्र सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा चुके हैं। याचिका में कहा गया था कि जब वह केंद्र सरकार में इस्पात मंत्री थे उस समय से वह भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हैं। इस पर सुनवाई करते हुए 27 नवंबर, 2013 को अदालत ने सीबीआइ से कहा था कि वह जारी जांच की स्टेटस रिपोर्ट दायर करे।
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