तीन साल में भारतीय सड़कों के गड्ढे बने 10,000 मौतों की वजह
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा संकलित आंकड़ों के मुताबिक गड्ढे के चलते साल 2015 में 10,876 लोगों की मौत हुई।
नई दिल्ली (जेएनएन)। भारत में हर साल सड़क हादसे में सैकड़ों लोग मौत की नींद सो जाते हैं। इन मौतों की सबसे बड़ी वजह भारतीय सड़कों के गड्ढे हैं, जिसके चलते हर दिन करीब 30 लोग मारे जाते हैं। पिछले तीन सालों में गड्ढे और स्पीड ब्रेकर के चलते 10,000 मौतें हुई हैं।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा संकलित आंकड़ों के मुताबिक गड्ढों के चलते साल 2015 में 10,876 लोगों की मौत हुई, जबकि साल 2014 में इसके जरिए मरने वालों की संख्या 11,106 रही। एक वरिष्ठ परिवहन मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, 'मरने वालों की संख्या और अधिक हो सकती है क्योंकि मंत्रालय के पास दुर्घटना से संबंधित मौतों पर एक विश्वसनीय डाटाबेस नहीं है।'
दिल्ली में स्थिति अलग नहीं है। एसपीए के एक हालिया सर्वेक्षण में पाया गया कि दिल्ली में प्रवेश करने वाले हैवी ट्रकों ने फुटपाथ को अधिकतम नुकसान पहुंचाया है और शहर की सड़कों को कमजोर कर दिया। इसके अलावा नागरिक और परिवहन एजेंसियों के पास ओवर लोडेड ट्रकों की जांच के लिए कोई तंत्र मौजूद नहीं है।
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