महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को अगड़ा-बनाम पिछड़ा बनाने की तैयारी
मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी] राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव को अगड़ा बनाम पिछड़ा के मुद्दे पर लड़ने की तैयारी करती दीख रही है। भाजपा को ऊंची जाति वालों की पार्टी सिद्ध करने का प्रयास उसके पिछड़े बर्गो के नेता कर रहे हैं। मंगलवार को कोल्हापुर की सभा में बोलते हुए राकांपा के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल
मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी] राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव को अगड़ा बनाम पिछड़ा के मुद्दे पर लड़ने की तैयारी करती दीख रही है। भाजपा को ऊंची जाति वालों की पार्टी सिद्ध करने का प्रयास उसके पिछड़े बर्गो के नेता कर रहे हैं।
मंगलवार को कोल्हापुर की सभा में बोलते हुए राकांपा के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने महाराष्ट्र से मोदी मंत्रिमंडल में शामिल नेताओं का उल्लेख करते हुए भाजपा को इस मुद्दे पर घेरने की कोशिश की। भुजबल ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में गडकरी, जावडेकर और गोयल जैसे लोगों को मंत्री बनाया गया है और भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सहस्त्रबुद्धे और जाजू को जगह दी गई है।
इस पार्टी की निर्णय प्रक्रिया में बहुजन समाज को कहीं भी जगह नहीं दी जाती है। राज्य के गृहमंत्री आर.आर.पाटिल ने भी इसी तरफ लोगों का ध्यान खींचते हुए कहा कि भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद की दौड़ में गडकरी और फणनवीस ही आगे हैं।
बता दें कि भाजपा पर सिर्फ अगड़ों की पार्टी होने का ठप्पा लंबे समय तक लगा रहा है। लेकिन 1980 के बाद महाराष्ट्र भाजपा के नेताओं ने राज्य के पिछड़े समाज की तीन जातियों माली, धनगर और वंजारी को अपने साथ जोड़ने की पहल कर माधव समीकरण तैयार किया। इस समीकरण में वंजारी नेता गोपीनाथ मुंडे, धनगर नेता अन्ना डांगे और माली नेता ना.सा.फरांदे को आगे बढ़ाकर इन वर्गो के बीच पैठ बनाने की शुरुआत हुई। स्वयं ब्राह्मण वर्ग का प्रतिनिधित्व करनेवाले प्रमोद महाजन ने राज्य के जातीय समीकरण को समझते हुए ही पिछड़े वर्ग के अपने बहनोई मुंडे को राज्य की राजनीति में आगे बढ़ाया। इसका फायदा पूरी भाजपा को मिला।
अब मुंडे के असामयिक निधन एवं फरांदे, डांगे जैसे नेताओं के राजनीतिक परिदृश्य से बाहर हो जाने के बाद पार्टी में पिछड़े चेहरों का अकाल सा नजर आने लगा है। दूसरी ओर संयोग से भाजपा में एक बार फिर गडकरी, जावडेकर, फणनवीस, सहस्द्दबुद्धे जैसे ब्राह्मण नेता अग्रिम पंक्ति में दिखने लगे हैं। इस बदले समीकरण का लाभ लेते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी राज्य के पिछड़ेवर्गो पर डोरे डालने के लिए भाजपा पर ब्राह्मण-बनिया की पार्टी होने का आरोप मढ़ने लगी है। इस काम में वह कांग्रेस से आगे इसलिए है, क्योंकि उसके पास छगन भुजबल जैसा पिछड़े वर्ग का नेता है। पिछड़ों की राजनीति में स्वयं मुंडे भी भुजबल को ही अपना नेता मानते रहे हैं।