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धर्म के आधार पर राजनीतिक दलों की मान्यता नहीं होगी रद्द : दिल्ली हाई कोर्ट

मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की खंडपीठ ने उक्त याचिका को प्रेरित करार दिया

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 02 May 2016 08:10 AM (IST)Updated: Mon, 02 May 2016 08:18 AM (IST)

नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें धर्म, जाति, पंथ आदि के आधार पर राजनीति करने वाले दलों की सदस्यता रद्द करने की मांग की गई थी।

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मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की खंडपीठ ने उक्त याचिका को प्रेरित करार दिया। उन्होंने कहा कि हम चुनाव आयोग के जवाब से सहमत हैं। यह मुद्दा चुनाव आयोग से संबंधित है। यह जनहित से जुड़ा मामला नहीं है।

खंडपीठ ने कहा कि वह चुनाव आयोग के उस बयान से सहमत हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि वर्ष 2005 के बाद से उन्होंने ऐसी किसी पार्टी को मान्यता नहीं दी है जो धर्म, जाति, पंथ, वर्ग व किसी भगवान के नाम पर हो। लिहाजा यह खंडपीठ उक्त याचिका को सुनने से इनकार करते हुए इसे खारिज करती है।

सिटीजन राइट फाउंडेशन की तरफ से यह याचिका लगाई गई थी जिसमें कहा गया था कि उन सभी राजनीतिक दलों के चुनाव लड़ने पर रोक लगनी चाहिए जो धर्म व जाति के आधार पर चुनाव लड़ रही हैं। वह चाहते थे कि अदालत धर्म आधारित इन पार्टियों के निश्चित समय सीमा के दौरान चुनाव लड़ने पर रोक लगाए। याचिका में कहा गया कि धर्म पर आधारित पार्टियों को मान्यता देना संविधान का उल्लंघन है। 16 राजनीतिक दलों के नाम में धर्म का जिक्र है। जिसे हटाया जाना चाहिए।


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