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    प्रधानमंत्री मोदी बोले 'मृत्यु की तरह' बदनाम नहीं होती कांग्रेस

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आक्रामक अंदाज में राष्ट्रपति के अभिभाषण प्रस्ताव पर जवाब दिया। उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश की भलाई के बारे में कभी सोचा ही नहीं। प्रतिशोध की राजनीति, विरोध की राजनीति ही उनका एजेंडा रहा है।

    By Sachin BajpaiEdited By: Updated: Thu, 10 Mar 2016 07:48 AM (IST)

    नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव रखते हुए कहा सांसदों ने चर्चा में भाग लेकर देश को लाभ पहुंचाया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने कहा था कि सदन चलना चाहिए और राष्ट्रपति की बात सभी ने मानी। पीएम ने अपील करते हुए कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण सर्वसम्मति से पास होना चाहिए। पीएम ने राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद से अपील करते हुए कहा कि 30 फीसद अनपढ़ों को टिकट दें। उन्होंने कहा कि कठिनाइयों से बाहर आने के लिए शिक्षा पर चिंता करने की जरुरत है।

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    'प्रश्नकाल सबसे ताकतवर होता है'

    सदन में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अभिभाषण पर सभी सांसद संशोधन प्रस्ताव वापस लें। धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल सबसे ताकतवर होता है। पीएम ने कहा कि पिछली बार हंगामे की वजह से सत्र नहीं चल सका था।

    राहुल पर हमला

    पीएम मोदी ने राहुल गांधी पर निशाना भी साधा। पीएम ने कहा कि दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं एक काम करता है तो दूसरा श्रेय लेता है। बतादें कल सरकार द्वारा ईपीएफ पर टैक्स का फैसला वापस लेने के बाद राहुल गांधी ने इसका श्रेय लिया था। राहुल ने कहा था कि मेरे दवाब की वजह से ही सरकार ने ईपीएफ पर टैक्स का फैसला वापस लिया।

    कांग्रेस को बदनाम ना होने का वरदान

    कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा कि मृत्यु को ऐसा वरदान है कि कभी बदनाम नहीं होती। कभी मृत्यु पर आरोप नहीं लगता और कांग्रेस को भी ऐसा वरदान है।

    इस बीच लंबित बिलों को पास करने के लिए विपक्ष से पीएम ने अपील करते हुए कहा कि लोकतंत्र को पुष्ट करनेवाला माहौल बने। उन्होंने कहा कि दोनों सदनों में तालमेल जरुरी है। पीएम मोदी ने कहा कि कई अहम बिल लोकसभा में पास हो चुके हैं लेकिन राज्यसभा में लंबित है। उन्होंने कहा कि मेरी इस सदन से अपील है कि उन्हें पास करने में सहयोग दें। सदन को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि सरकार नीतियों के आधार पर चले इसके लिए पारदर्शिता पर बल दिया।

    कोयला आवंटन के मु्द्दे पर पीएम ने कहा कि नीलामी से 3.36 लाख करोड़ की कमाई हुई। हमारी कोशिश है कि जवाबदेही पर बल दिया जाए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 300 प्रोजेक्ट की उन्होंने खुद समीक्षा की। सदन में बोलते हुए पीएम ने कहा कि सुशासन के लिए विकेंद्रीकरण अहम पहलू है। उन्होंने कहा कि रेल, सड़क, बिजली, पाइपलाइन के लिए केंद्र के पास आने के जरुरत नहीं। पीएम ने कहा कि पर्यावरण के लिए हमने राज्यों के अधिकार बढ़ाए।

    सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद की तारीफ करते हुए पीएम ने कहा कि उन्होंने विपक्ष में रहते हुए अच्छा काम किया। जन-धन योजना में गड़बड़ी उजागर करने के लिए उन्होंने कहा कि सत्ता में रहते तो अच्छा काम कर लेते।

    '30 साल भी गंगा गंदी क्यों'

    पीएम ने अपनी महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक गंगा सफाई पर बोलेते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इस पर बल दिया था। उन्होंने कहा कि 30 साल बाद भी गंगा नदी गंदी क्यों है। पीएम ने कहा कि कमेटी बनती थी लेकिन मीटिंग नहीं होती थी। कांग्रेस को इसका जवाब देना चाहिए।

    विपक्ष पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि माइक्रोस्कोप लेकर जो सरकार की गलती ढूंढ रहे हैं। सत्ता के समय वाइनोकुलर (दूरबीन) लेकर काम करते तो ये नौबत नहीं आती।

    शायरी से खत्म किया भाषण

    मोदी ने अपना भाषण मशहूर कवि निदा फाजली की शायरी से खत्म किया। मोदी ने कहा 'सफर में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो, सभी है भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो।

    किसी के वास्ते राहे कहां बदलती है तुम अपने आपको खुद ही बदल सको तो चलो।

    यहां किसी को कोई रास्ता नहीं देता, मुझे गिराकर अगर तुम संभल सको तो चलो।

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    संसदीय इतिहास में ये पहली बार राज्यसभा में संशोधन के साथ राष्ट्रपति का अभिभाषण प्रस्ताव पारित हुआ।