उड़ी हमले पर मेरे बाल नोच रहे थे आलोचक, मोदी कुछ नहीं कर रहाः पीएम
मोदी ने इशारों-इशारों में सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर कहा कि पिछले दिनों हुई घटना (उड़ी में आतंकी हमला) के बाद हर कोई मेरे बाल नोच रहा था कि मोदी सो रहा है, कुछ नहीं कर रहा।
नई दुनिया, भोपाल। उड़ी में आतंकी हमले के बाद गुलाम कश्मीर में सेना के सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर उठ रहे सवालों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को चुप्पी तोड़ दी। जवाब देने के अंदाज में कहा-'भारतीय सेना बोलने में विश्वास नहीं रखती। अपना पराक्रम दिखाती है। इससे पहले मेरे बाल नोच लिए जाते थे। आलोचक कहते थे कि मोदी सो रहा है।
मोदी कुछ नहीं कर रहा है।'प्रधानमंत्री भोपाल में सैनिकों के कार्यक्रम 'शौर्य सम्मान सभा' को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा- जैसे हमारी सेना बोलती नहीं। पराक्रम दिखाती है, वैसे ही हमारे रक्षामंत्री भी बोलते नहीं हैं। उन्होंने करके दिखा दिया।' इसके साथ ही उपस्थित जनसमुदाय ने 'भारत माता की जय' 'मोदी-मोदी' और वंदे मातरम के नारे लगाने शुरू कर दिए। इसको लेकर थोड़ा ठहरने के बाद मोदी ने कहा-'हम चैन की नींद सो जाएं तो हमारे देश की सेना को संतोष होता है। हमारे सोने पर उसको शिकायत नहीं होती है। लेकिन जागने के वक्त भी यदि हम सो जाएं तो सेना हमें कभी माफ नहीं करेगी।
दुर्भाग्य यह है कि कभी-कभी हम जागने के समय भी सोए पाए जाते हैं। अगर कोई यह भ्रम रखता है कि हाथ में शस्त्र रखने और गोली से सेना जीत जाती है तो यह हमारा भ्रम है। सेना का सबसे बड़ा शस्त्र उसका मनोबल होता है। उसके मन की ताकत होती है और यह मनोबल और ताकत शस्त्र से नहीं 1.25 करोड़ देशवासियों के एक साथ मिलकर उसके साथ पीछे खड़े होने से आती है।'
नई परंपरा करें शुरू
मोदी ने कहा कि शहीद स्मारक और युद्ध स्मारक से भी आगे है शौर्य स्मारक। यह तीर्थस्थल है। इसके साथ ही एक ओपन यूनिवर्सिटी भी है जो देश के लोगों को सेना का अनुशासन और देशप्रेम सिखाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम एक नई परंपरा शुरू करें। जिस भी जगह से हमारे सैनिकों का दल निकले, वहां सब इकठ्ठे होकर एक साथ तालियों की गड़गड़ाहट से उनका सम्मान करें। विदेशों में यह चलन है, हम भी अपनी सेना का मनोबल बढ़ाएं।
पाकिस्तानियों को भी बचाया
प्रधानमंत्री ने कहा कि सैनिकों को सिर्फ युद्ध से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। हमारे सैनिकों ने दुनियाभर में मानवता की मिसाल पैदा की है। उनकी मानवता ने कश्मीर की बाढ़ में यह नहीं देखा कि ये वही लोग हैं जो कभी पत्थर मारते हैं, कभी आंख फोड़ते हैं। यमन में जब हमारे सैनिक अपने देश के नागरिकों को बचा रहे थे तो उन्होंने पाकिस्तान के लोगों को भी बचाया।
वन रैंक-वन पेंशन को 5500 करोड़
प्रधानमंत्री ने कहा कि वन रैंक-वन पेंशन पर अब तक हर सरकार ने आश्वासन दिया। कुछ इतने होशियार थे कि बजट में 500 करोड़ रुपये आवंटित कर भी देते थे। लेकिन दिया कभी नहीं। हमने इस वादे को पूरा किया। वन रैंक-वन पेंशन का पैसा पूर्व सैनिकों को चार किस्तों में दिया जाएगा। अब तक 5500 करोड़ रुपये सैनिकों के खाते में पहुंच चुके हैं।
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यह भी कहा
-- रक्षा मंत्री विवेकाधीन राशि से इस साल 50 हजार लोगों को राहत दी।
-- हवलदार की बेटी की शादी पर अब 16 हजार की जगह सरकार 50 हजार रुपए दे रही है।
-- सातवां वेतनमान वन रैंक-वन पेंशन से ब़़ढी तनख्वाह पर दिया गया।
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पीएम मोदी जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज से मुलाकात की।
ऐसा है शौर्य स्मारक - जीवन-मृत्यु, युद्ध-शांति, मोक्ष-उत्सर्ग जैसे अनुभवों को को सरल, सहज तरीके से आर्किटेक्ट के जरिए दर्शाने का प्रयास किया गया है। स्थलाकृतियां के माध्यम से लैंडस्केपिंग कर आकार, रंग-रूप और तकनीक का रोचक ताना-बाना बुना गया है।
शौर्य स्तम्भ - 62 फीट ऊंचा स्तम्भ, एक सैनिक के जीवन को दर्शाता है। स्तम्भ की ग्रेनाइट डिस्क इसका वर्णन करती है। पृथ्वी (आर्मी), जल (नौसेना) तथा वायु (वायुसेना) के काले ग्रेनाइट स्तम्भ की संगीनता, जल-स्रोत एवं श्वेत ग्रेनाइट पेडेस्टल के हल्केपन के रूप में दर्शाया गया है।
अनंत ज्योत - शहीदों के सम्मान में अनन्य ज्योत को एक अत्याधुनिक होलोग्राफिक लौ के माध्यम से दर्शाया गया है।
मातृभूमि को नमन - स्मारक में नमस्कार की मुद्रा वाला करीब 20 फीट ऊंचा और 15 फीट चौड़ा साइनेज लगाया है।