प्रधानमंत्री के सामने प्रजेंटेशन देने में महिला आईएएस अफसरों ने मारी बाजी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने प्रजेंटेशन देने ही होड़ में 2014 बैच के आईएएस अफसरों में महिलाओं ने अपने पुरूषों को पीछे छोड़ दिया।
नई दिल्ली, (संजय मिश्र)। देश की शीर्ष नौकरशाही मानी जाने वाली आईएएस में नई पीढ़ी की महिला अफसरों ने कामयाबी की इबारत लिखनी शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने प्रजेंटेशन देने ही होड़ में 2014 बैच के आईएएस अफसरों में महिलाओं ने अपने पुरूषों को पीछे छोड़ दिया।
प्रधानमंत्री के सामने प्रजेंटेशन देने के लिए चुने गए आठ अफसरों में छह महिलाएं थीं। खास बात यह रही कि पीएम के सामने अपनी प्रस्तुति देने के लिए चुनी गई छह महिला अफसरों में से पांच ने इसी बैच के अपने-अपने पतियों को भी पीछे छोड़ दिया। देश की तमाम तरह की चुनौतियों के बीच नीतियों व कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में सकारात्मक बदलाव लाने को लेकर इन अफसरों के नए नजरिये की प्रधानमंत्री ने प्रशंसा भी की।
केन्द्र सरकार में तीन महीने के लिए असिस्टेंट सेक्रेटरी के रूप में तैनात 2014 के 172 आईएएस अधिकारियों में से इन आठ अफसरों का चयन किया गया था। कार्मिक विभाग ने इन अफसरों का चयन उनके केन्द्र सरकार के अपने-अपने विभागों में काम करने के अनुभव के आधार पर किया था। इन अफसरों से इस दिशा में और बेहतर बदलाव कैसे लाया जा सकता इसको लेकर प्रस्तुति मांगी गई थी। इसमें से आठ अफसरों के प्रजेंटेशन को चुना गया। चुने गए अफसरों में तीन मध्यप्रदेश, दो उत्तरप्रदेश और झारखंड, उड़ीसा तथा पश्चिम बंगाल कैडर के एक-एक अधिकारी थे।
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प्रधानमंत्री के सामने इन आठों अफसरों ने डीआरडीओ भवन में विशेष कार्यक्रम के दौरान आज अपना-अपना प्रजेंटेशन दिया। 2014 के छह महिला आईएएस अफसरों में रिजु बाफना, भव्या मित्तल, कृतिका ज्योत्सना, नैंसी सहाय, स्वधा देव सिंह और मेधा रूपम शामिल थीं। जबकि दो पुरूष अफसर धवल जैन और सौरभ गुप्ता को भी पीएम के सामने अपना नजरिया रखने का मौका मिला। दिलचस्प बात यह रही कि प्रस्तुति देने वाले इन अफसरों में एक पति-पत्नी ऋषभ गुप्ता और भव्या मित्तल भी थे। इन अफसरों ने लोगों को न्याय मिलने में हो रहे विलंब व ई-कोर्ट, डीबीटी, स्वच्छता अभियान को कारपोरेट जगत की सहायता से आगे बढ़ाने से लेकर भारत की ऐतिहासिक विरासत स्थलों को नये तरह से विकसित करने पर बेहद प्रभावशाली प्रदर्शन किया।
मध्यप्रदेश कैडर की रिजु बाफना के मुकदमों के लंबे समय से लंबित रहने से न्याय मिलने में देरी और टेक्नोलॉजी के जरिए जिले स्तर पर न्यायिक प्रक्रिया को फास्ट ट्रैक करने के प्रजेंटेशन से लेकर स्वच्छता अभियान, डाक्टर आन काल और सैन्य बलों के लिए डीबीटी सरीखे प्रस्तुतियों को पीएम ने बड़ी गंभीरता से देखा और सराहा।
उत्तरप्रदेश कैडर की कृतिका ज्योत्सना ने सैन्य बलों के लिए डीबीटी और उप्र कैडर की दूसरी अफसर मेधा रूपम ने डाक्टर आन कॉल पर प्रस्तुति दी। उडीसा कैडर की स्वधा देव सिंह ने स्वच्छता अभियान में कारपोरेट सहयोग, झारखंड कैडर की नैंसी ने कचरा निस्तारण पर भविष्य की बेहतर राह बनाने की दिशा बताई। मध्यप्रदेश कैडर की भव्या ने अतुल्य भारत स्थलों के नए तरीके से विकास तो पश्चिम बंगाल कैडर के धवल ने माइनिंग सर्विलांस प्रणाली और मध्यप्रदेश कैडर के ऋषभ गुप्ता ने माई गाव को और बेहतर बनाने को लेकर प्रस्तुति देकर पीएम की सराहना बटोरी। इस प्रजेंटेशन के साथ ही इन अफसरों की तीन महीने की केन्द्रीय सेवा में शुरूआती ट्रेनिंग पूरी हो गई।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर इन अफसरों के भविष्य के प्रति दृष्टि की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे नए नजरिए से ही देश में कुछ नहीं बदलेगा की मानसिकता खत्म होगी। पीएम ने इन अफसरों से कहा कि वे उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि नीतियों पर राजनीति कभी हावी न हो और राष्ट्रहित तथा गरीबों का कल्याण हर निर्णय के केन्द्र में हो।
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