पीएम मोदी बोले- दिल्ली की राजनीति में था नया, प्रणब दा से बहुत कुछ सीखा
राष्ट्रपति भवन में एक संग्रहालय के उद्घाटन के मौके पर पीएम और राष्ट्रपति ने कहा कि राजनीतिक विरोध के बाद भी सामांजस्य बनाकर ही हम देश की तरक्की में अपना योगदान दे सकते हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र । राजनीतिक पृष्ठभूमि से जुड़े विरोधी दलों के लोगों के बीच तीखी नोंकझोंक अक्सर सुनने को मिलती है। लेकिन राष्ट्रपति भवन में एक संग्रहालय के उद्घाटन मौके पर नजारा कुछ अलग था। पीएम और राष्ट्रपति ने एक दूसरे की तारीफ की जो केवल औपचारिकता नहीं थी बल्कि राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों के लिए संदेश भी था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अपने कार्यकाल के चार साल पूरे करने पर उनकी खुले दिल से प्रशंसा की। मोदी ने कहा कि जब दो साल पहले उन्होंने प्रधानमंत्री का पद संभाला तो प्रणब दा ने मेरी उंगली थाम कर विभिन्न विषयों पर मेरा मार्गदर्शन एक अभिभावक की तरह किया। 'राष्ट्रपति भवन संग्रहालय के दूसरे चरण का उद्घाटन करते हुए पीएम मे कहा कि दिल्ली की दुनिया में वो एकदम नए थे। पूरा वातावरण उनके लिए नया था। अभिभावक और संरक्षक बनकर राष्ट्रपति ने उनका मार्गदर्शन किया। उनकी तरह खुशकिस्मत बहुत कम लोग होंगे।
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राष्ट्रपति भवन में इतिहास को संजोने और संरक्षित करने के प्रयासों की सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि मुखर्जी ने अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में देश को बहुत कुछ दिया है। साथ ही उन्होंने अपने चार साल के कार्यकाल में इस ऐतिहासिक इमारत को नया कलेवर दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति भवन को एक आम आदमी से लेकर सत्ता के सर्वोच्च पद के अनुरूप बदल दिया।
मोदी ने कहा कि खास बात यह है कि उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि अलग है। राष्ट्रपति की पृष्ठभूमि अलग है। इसके बावजूद उनके सानिध्य में रह कर लगता है कि लोग बिल्कुल अलग राजनीतिक सोच के होकर भी लोकतंत्र की खातिर कंधे से कंधा मिलाकर काम करते हैं। अगर सरकार उस व्यक्ति की है जो किसी दूसरे दल से है तो भी सरकारी योजनाएं राष्ट्रपति भवन की योजनाएं बन जाती हैं। ऐसी महानता केवल प्रणब दा ही दिखा सकते हैं।
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राष्ट्रपति भवन के इतिहास को संरक्षित करने तथा भवन संरक्षण की दिशा में उठाए गए कदमों की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रणब मुखर्जी ने अपने सार्वजनिक जीवन के दौरान और राष्ट्रपति पद पर चार साल के कार्यकाल में इस ऐतिहासिक भवन को बहुत कुछ दिया है। उन्होंने कहा कि मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन को आम जनता और सत्ता के सर्वोच्च केंद्र के बीच संपर्क क्षेत्र के रूप में विकसित किया।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार द्वारा लाई गई लगभग सभी योजनाओं को 'प्रेंजिडेंट एस्टेट' में लघु रूप में लागू किया जा रहा है। जबकि कई राज्य इनकी घोषणा करने में भी हिचकिचाहट महसूस कर रहे हैं।प्रधानमंत्री ने 'प्रेंजिडेंट एस्टेट' को 10,000 से अधिक आबादी वाला गांव बताया। उन्होंने कहा कि किसी दूसरे राजनीतिक दल के व्यक्ति की सरकार के बावजूद भी सरकार की योजनाओं को राष्ट्रपति भवन में लागू किया जा रहा है। यह महानता सिर्फ प्रणब दा ही दिखा सकते हैं।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारतीय संविधान की यही विशेषता है कि अलग-अलग विचारों के बावजूद हम लोग एक साथ एक मंच पर हैं। उन्होंने कहा कि दलगत विरोधों के बाद भी देश की तरक्की और खुशहाली का उद्देश्य सभी राजनीतिक दलों का होना चाहिए। प्रणब दा ने कहा कि आज ये समझने की जरूरत है कि कहीं हम अपने मकसद को पूरा करने की होड़ में देश के ताने-बाने पर गलत असर तो पड़ रहा है।