मन की बातः गांधी अांदोलन से हमें संघर्ष और सृजन की प्रेरणा मिलती है- मोदी
पीएम मोदी ने अाज मन की बात में बच्चों की चल रही परीक्षाओं से लेकर चंपारण सत्याग्रह, न्यू इंडिया, ट्रैफिक नियम, डिजिधन योजना, भोजन की बर्बादी, डिप्रेशन और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर बात की।
नई दिल्ली(जेएनएन)। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को ऑल इंडिया रेडियो पर 30वीं बार 'मन की बात' की।पीएम ने 'मन की बात' में कई मुद्दों पर विस्तार से बात की। उन्होंने बच्चों की चल रही परीक्षाओं से लेकर चंपारण सत्याग्रह, न्यू इंडिया, ट्रैफिक नियम, डिजिधन योजना, भोजन की बर्बादी, डिप्रेशन और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर बात की।
पीएम ने चंपारण सत्याग्रह का जिक्र करते हुए कहा, 'इस आंदोलन से हमें संघर्ष और सृजन की प्रेरणा मिलती है। यह आंदोलन देश में एक बड़ा बदलाव था। अाइए जानते हैं मन की बात में पीएम मोदी की 10 बड़ी बात...
1.गांधी के अांदोलन से लें संघर्ष अौर सृजन की प्रेरणा
पीएम ने चंपारण सत्याग्रह का जिक्र करते हुए कहा कि इस आंदोलन से हमें संघर्ष और सृजन की प्रेरणा मिलती है। यह आंदोलन देश में एक बड़ा बदलाव था। अंग्रेज तक गांधी के इस तौर-तरीके को नहीं समझ पाए थे। एक तरफ जहां वह आंदोलन से जेल भर देते थे वहीं दूसरी तरफ रचनात्मक कार्यों की तरफ भी मुड़ जाते थे। अंग्रेज सल्तनत के साथ असहयोग आंदोलन किया। आज देश चंपारण सत्याग्रह का शताब्दी वर्ष मना रहा है। हमें सर्वजन हिताय के मूल मंत्र को लेकर देश के लोगों की मदद करने का संकल्प लेना चाहिए।
2. सप्ताह में एक दिन पेट्रोल-डीजल का प्रयोग न करें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से अपील की कि वे सप्ताह में एक दिन पेट्रोल-डीजल का प्रयोग न करें। पीएम मोदी ने कहा कि न्यू इंडिया न सरकारी कार्यक्रम है, न ही किसी राजनीतिक दल का घोषणापत्र। यह 125 करोड़ भारतीयों का आह्वान है। न्यू इंडिया का सपना सच हो सकता है। जरूरी नहीं कि हर चीज सरकारी पैसे से होती है, अगर हर नागरिक संकल्प करे कि अपनी जिम्मेदारी निभाऊंगा। एक दिन पेट्रोल-डीजल का इस्तेमाल नहीं करूंगा। इन छोटी-छोटी बातों से न्यू इंडिया बनेगा।
3. खाना बर्बाद न करें
प्रधानमंत्री मोदी ने देश के लोगों से खाने की बर्बादी रोकने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमें फूड वेस्टेज पर चिंता करनी चाहिए। हम प्लेट भर लेते हैं फिर खा नहीं पाते और जूठन छोड़कर निकल जाते हैं। सोचिए, जूठन न छोड़ें तो कितने लोगों का पेट भर सकता है। पीएम ने कहा कि इस विषय पर उदासीनता सामाजिक अपराध है।इस पर जागरूकता बढ़नी चाहिए। मैं कुछ लोगों को जानता हूं जो जूठन रोकने के लिए काम कर रहे हैं। जो लोग शरीर-स्वास्थ्य के लिए जागरूक होते हैं, वे कहते हैं- थोड़ा पेट खाली रखो, थोड़ी प्लेट भी खाली रखो।
4. डिजिटल पेमेंन्ट पर जोर दें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश वासियों से डिजिटल पेमेंट करने की अपील की। पीएम मोदी ने कहा कि देश के लोग बिना नकद कारोबार की तरफ बढ़ रहे हैं। डीमैट (भीम) अकाउंट को कुछ दिन में ही डेढ़ करोड़ लोगों ने डाउनलोड किया है। उन्होंने कहा कि कालेधन के खिलाफ आप वीर सैनिक बन सकते हैं। डिजिटल पेमेंन्ट पर जोर दें।उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल को बाबा साहब अंबेडकर की जन्म जयंती पर डिजीधन का समापन होने वाला है। हमें तय करना है कि नोटों का इस्तेमाल कैसे कम हो।
5. खुलकर बातें करें, डिप्रेशन भगाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बार के विश्व स्वास्थ्य दिवस का थीम डिप्रेशन है। उन्होंने अपील की, 'हम मनोवैज्ञानिक माहौल बनाकर डिप्रेशन को खत्म कर सकते हैं। मैं चाहता हूं कि लोग अपने मित्रों-परिजनों के बीच और अभिभावकों के साथ, खुलकर बातें करें और मन में जो भी बातें उठे उसे कह डालिए।' पीएम मोदी ने मन को स्वस्थ्य रखने के लिए योग को एक अच्छा साधन बताया।
6. स्वेच्छा से लोगों की मदद करें
मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने देशवासियों से अपील की कि वे स्वेच्छा से जरूरतमंदों की मदद करें। पीएम मोदी ने कहा कि लाखों लोग नि:स्वार्थ भाव से समाज के शोषित, वंचितों के लिए कुछ करते नजर आते हैं। कई लोग रोज अस्पताल जाकर मरीजों की मदद करते हैं। ब्लड डोनेट करते हैं। जन सेवा ही प्रभु सेवा हमारी रगों में है।
7.गंदगी के प्रति मन में हो गुस्सा
सफाई की तरफ देशवासियों को प्रेरित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मैं चाहता हूं, देशवासियों के मन में गंदगी के प्रति गुस्सा हो, जब गुस्सा होगा तब हम गंदगी के खिलाफ़ कदम उठाएंगे। स्वच्छता आंदोलन से ज्यादा आदत से जुड़ी हुई होती है।
8.सामूहिक योग उत्सव मनाइए
पीएम मोदी ने कहा कि 21 जून को अतंरराष्ट्रीय योग दिवस का तीसरा वर्ष होगा, आप अभी से तैयारी कीजिए और लाखों की तादाद में सामूहिक योग उत्सव मनाइए। पीएम मोदी ने कहा कि आपके मन में इस योग दिवस के संबंध में कोई सुझाव हों, तो 'नमो ऐप' के माध्यम से अपने सुझाव मुझे ज़रूर भेजें।
9. अमर शहीदों को बताया प्रेरण स्रोत
पीएम मोदी ने अमर शहीदों भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को याद करते हुए उन्हें देश के लिए प्रेरणा स्रोत बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भगत सिंह से अंग्रेज इतने डरे हुए थे कि 24 मार्च 1931 को फांसी दी जानी थी लेकिन एक दिन पहले ही उन्हें फांसी दे दी गई। 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी।
10. पीएम मोदी ने बांग्लादेश को मजबूत सहयोगी बताया
प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश को उसके स्वतंत्रता दिवस को शुभकामनाएं देते हुए उसे मजबूत सहयोगी बताया। उन्होंने बांग्लादेश के स्वतंत्रता दिवस पर कहा कि वो धरती रवीन्द्रनाथ टैगोर की याद दिलाती है। भारत और बांग्लादेश की साझी विरासत हैं बांग्लादेश में। गौरतलब हो कि पीएम मोदी की मन की बात के लिए मांगे गए ऑनलाइन सुझाव पर कुल 3446 सुझाव आए हैं। उन्होंने बांग्लादेश के नागरिकों को आजादी की शुभकामना दी।
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