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सरकारी खरीद के लिए फ्लिपकार्ट की तर्ज पर पोर्टल लाएगा केंद्र

अब तक केंंद्र सरकार व राज्य सरकारें खरीदारी के लिए टेंडर मंगाती रही हैं। जिसमें उत्पादों के मूल्य में हेरा-फेरी की गुंजाइश रहती है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 02 Dec 2016 10:21 AM (IST)Updated: Fri, 02 Dec 2016 12:45 PM (IST)
सरकारी खरीद के लिए फ्लिपकार्ट की तर्ज पर पोर्टल लाएगा केंद्र

नई दिल्ली, जेएनएन। भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने प्रधानमंत्री मोदी पेपर क्लिप से लेकर बिजली संयंत्र के टर्बाइन तक सभी सरकारी खरीद के लिए अमेजन की तरह एक ऑनलाइन शोपिंग पोर्टल लाने का लाने का फैसला किया है। अब तक केंद सरकार व राज्य सरकारें खरीदारी के लिए टेंडर मंगाती रही हैं। जिसमें उत्पादों के मूल्य में हेरा-फेरी की गुंजाइश रहती है और भ्रष्टाचार को हवा मिलती है। माना जा रहा है कि ऑनलाइन पोर्टल से सरकारी खरीद के सिस्टम के जरिए भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।

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खरीद में नहीं हो सकेगी हेरा-फेरी

ऑनलाइन सरकारी खरीद का यह पोर्टल, अमेजन, फ्लिपकार्ट या अन्य ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल की तरह ही होगा। इस पर विक्रेता अपने उत्पादों की तस्वीर और मूल्य अपलोड करेंगे। पोर्टल पर उनका उचित मूल्य होगा। इससे खरीद में हेरा-फेरी नहीं हो सकेगी। नोटबंदी के बाद कैशलेस सोसायटी बनाने की दिशा में भी यह एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। पोर्टल पर प्रोडक्ट के साथ विस्तार से उसकी विशेषताएं भी लिखी होंगी। प्रोडक्ट का ऑनलाइन प्राइस कंपेरिजन भी होगा। पोर्टल में कोई भी अपने मोबाइल व आधार नंबर के जरिए रजिस्ट्रेशन और अपने प्रोडक्ट की लिस्टिंग कर सकेगा।

बिचौलियों पर लगेगी लगाम

भारत सरकार कागज से लेकर कार और रक्षा सौदे टेंडर के तहत करती आई है। जिससे बिचौलियों को दलाली करने का अवसर मिल जाता है। कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए उत्पाद की कीमत बढ़ा दी जाती है। जिसकी एवज में बिचौलिये बड़ा कमिशन प्राप्त करते हैं। कुछ रक्षा सौदों में नौकरशाहों और राजनेताओं का नाम भी उजागर हो चुका है। ऐसे में यदि यह व्यवस्था लागू की जाती है, तो भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सकती है।

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नोटबंदी के फैसले के बाद ऑनलाइन मार्केट में दिखा जबरदस्त उछाल

नोटबंदी के फैसले से पूर्व ही ऑनलाइन मार्केट में जबरदस्त उछाल देखने को मिलता रहा है। इस अगस्त से अब तक ऑनलाइन मार्केट 39 करोड़ रुपए का कारोबार कर चुकी है। ऐसे में सरकारी पोर्टल आने के बाद नई क्रांति आने की संभावना है। माना जा रहा है कि सरकारी खरीद के लिए ऑनलाइन मार्केटप्लेस के आने के बाद इसकी हिस्सेदारी जीडीपी की 20 फीसदी होगी।

भारत में परिवर्तन के लिए करता है अवसर प्रदान

भारत के वाणिज्य मंत्रालय में शीर्ष नौकरशाह में से रीता तेओतिया का मानना है कि यह निर्णय भारत में परिवर्तन के लिए एक अवसर प्रदान करता है। उन्होंने आगे कहा कि पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा में के लिहाज से यह बहुत उत्साहजनक है, और अब तक हमने देखा है कि हर लेन-देने पर सरकार की कम से कम 10 प्रतिशत की बचत हो रही है।
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