विपक्ष माना तो मोदी के बयान से टूटेगा गतिरोध
पिछले दो हफ्ते से संसद में जारी गतिरोध तोड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को बयान दे सकते हैं। विपक्ष ललितगेट व व्यापमं मामले में उनके मौन पर निशाना साधने के साथ सुषमा, वसुंधरा के इस्तीफे मांग रहा है। सरकार ने सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसमें सहमति
नई दिल्ली। पिछले दो हफ्ते से संसद में जारी गतिरोध तोड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को बयान दे सकते हैं। विपक्ष ललितगेट व व्यापमं मामले में उनके मौन पर निशाना साधने के साथ सुषमा, वसुंधरा के इस्तीफे मांग रहा है। सरकार ने सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसमें सहमति बनी और विपक्ष मोदी के बयान पर राजी हुआ तो दोनों सदनों में 3 अगस्त से कामकाज शुरू हो सकता है।
भाजपा नीत राजग गतिरोध तोड़ने के लिए विपक्ष से संपर्क बनाए हुए है, लेकिन ललित मोदी व व्यापमं मामले में कांग्रेस का रुख नरम नहीं पड़ा है। संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि यदि सोमवार को सर्वदलीय बैठक में मांग उठी तो प्रधानमंत्री मोदी संसद में बयान दे सकते हैं। उन्होंने संसद में गतिरोध के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताया।
उधर सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी पार्टी संसदीय दल की बैठक को संबोधित करेगी, उसके बाद ही गतिरोध तोड़ने पर कांग्रेस का रुख पता चलेगा। यह बैठक सर्वदलीय बैठक के पूर्व होगी। हालांकि सरकार सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे व शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफों के लिए जरा भी तैयार नहीं है। वहीं कांग्रेस व वाम दल 'बगैर इस्तीफे, चर्चा नहीं' पर अड़े हुए हैं।
सरकार ने ललितगेट मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बयान का प्रस्ताव किया था, लेकिन विपक्ष उसके लिए तैयार नहीं है। वहीं व्यापमं पर सरकार का कहना है कि वह राज्य का विषय है, इसलिए उस पर संसद में चर्चा नहीं हो सकती। माकपा का आरोप है कि खुद भाजपा शासित सरकार संसद की कार्यवाही बाधित कर रही है।