...तो इस कारण पीएम मोदी नहीं लेंगे बीएचयू की डॉक्टरेट उपाधि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से मानद डॉक्टरेट डिग्री लेने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि उनकी नीति ऐसी डिग्रियों को स्वीकार नहीं करने की है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से मानद डॉक्टरेट डिग्री लेने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि उनकी नीति ऐसी डिग्रियों को स्वीकार नहीं करने की है। इस मामले पर पीएमओ से कोई जवाब नहीं आया है, लेकिन सूत्रों की मानें तो मोदी ने ऐसी डिग्रियों को ना लेना पहले से ही तय कर रखा है। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी।
पीएम मोदी इस साल 22 फरवरी को बीएचयू के शतकीय दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। केंद्रीय मानव संसाधन और विकास मंत्री स्मृति ईरानी भी इस समारोह में मौजूद रहेंगी। इस दौरान विवि ने उन्हें विधि की मानद डॉक्टरेट डिग्री से सम्मानित करने की पेशकश की थी, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया।
बीएचयू के प्रवक्ता राजेश सिंह ने बताया, '11 फरवरी को हुई एक हाईलेवल बैठक में यूनिवर्सिटी ने तय किया था कि इस साल के दीक्षांत समारोह में पीएम मोदी को 'शासन और पब्लिक सर्विस में अन्वेषक, सुधारक और बेहतरीन नेता के रूप में उत्कृष्ट कार्य' के लिए डॉक्टरेट से नवाजा जाएगा। यूनिवर्सिटी ने इस सिलसिले में पीएम की राय जानने के लिए उनसे अपील की थी, लेकिन उन्होंने इसे लेने से मना कर दिया।'
दूसरी तरफ वीसी के अनुसार, उन्हें लगता है कि पीएम इसलिए डिग्री लेने से मना कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने संबंधित कोर्स की पढ़ाई नहीं की है।
यह पहला मौका नहीं है जब मोदी ने इस प्रकार की डॉक्टरेट उपाधि को स्वीकार करने से इन्कार किया हो। साल 2014 में अपनी अमेरिका यात्रा से पूर्व लुइसियाना में एक विवि ने सामाजिक बदलाव, महिलाओं के सशक्तिकरण और गुजरात में अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण में उनके योगदान को मान्यता देते हुए उन्हें मानद डॉक्टरेट उपाधि से सम्मानित करने का प्रस्ताव किया था। लेकिन, वह इसके लिए सहमत नहीं हुए थे।
यहां तक कि मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए भी उन्होंने कई विवि द्वारा प्रस्तावित मानद डॉक्टरेट उपाधि स्वीकार करने से इंकार कर दिया था।