Move to Jagran APP

आंध्र प्रदेश : प्लास्टिक के चावल की बिक्री की अफवाह से सनसनी,जांच के आदेश

आंध्र प्रदेश में प्लास्टिक के चावलों की बिक्री की अफवाह से लोगों के बीच सनसनी... संबंधित विभाग ने चावल के नमूनों को जांच के लिए भेजा।

By Srishti VermaEdited By: Published: Wed, 07 Jun 2017 12:23 PM (IST)Updated: Wed, 07 Jun 2017 07:52 PM (IST)
आंध्र प्रदेश : प्लास्टिक के चावल की बिक्री की अफवाह से सनसनी,जांच के आदेश
आंध्र प्रदेश : प्लास्टिक के चावल की बिक्री की अफवाह से सनसनी,जांच के आदेश

हैदराबाद (जेएनएन)। आंध्रप्रदेश की राजधानी हैदराबाद में कुछ किराने की दुकानों पर प्लास्टिक चावल की कथित बिक्री की अफवाहों ने मंगलवार को तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लोगों के बीच सनसनी पैदा कर दी।बताया जाता है कि, हैदराबाद के सरुरनगर में एक ग्राहक ने बिरयानी में प्लास्टिक के चावल के इस्तेमाल की शिकायत की। वहीं एक अन्य ग्राहक ने मंगलवार को स्थानीय पुलिस से यह दावा किया कि मीरपत में एक किराने की दुकान में प्लास्टिक के चावल बेचे जा रहे हैं।

loksabha election banner

शिकायत के आधार पर शाम को सिविल आपूर्ति विभाग के टास्क फोर्स के अधिकारियों ने कथित दुकान में छापा मारा और चावल के नमूने को जांच के लिए भेज दिया है। इधर, प्लास्टिक के चावल की अफवाहें सोशल नेटवर्किंग साइटों, फेसबुक और व्हाट्सएप की सहायता से वीडियो के द्वारा लोगों तक पहुंचाई जा रही है जिससे लोगों में आक्रोश पैदा हो रहा है। 

मीरपत पुलिस ने बताया कि नंदनवनम कॉलोनी के निवासी अशोक ने शिकायत की है कि पिछले कई दिनों से वह और उनका परिवार पेट दर्द और बदन दर्द जैसी कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से पीड़ित है। उसने बताया कि, वह जब सोमवार की रात काम से घर लौटा तो पत्नी के द्वारा परोसे गए चावल में पाया कि वे प्लास्टिक के चावल थे।

मामले में वेट और मेजरमेंट डिपार्टमेंट (डब्ल्यू एंड एम) चावल की मिलावटी के मुद्दे पर एक विशेष प्रवर्तन दल का गठन करने की योजना बना रहा है। डब्ल्यू एंड एम के सहायक खाद्य नियंत्रक श्री. निवास राव ने बताया कि प्लास्टिक या नकली चावल के बारे में हमें मीडिया और सोशल नेटवर्किंग साइटों के माध्यम से पता चला। अभी तक उच्चाधिकारियों से कोई दिशा निर्देश नहीं मिला है, लेकिन हमने चार खाद्य निरीक्षकों को चावल के निरीक्षण के लिए विशाखापटनम भेजा है। उन्होंने कहा, इसके अलावा अब तक लाल चनों और अन्य वस्तुओं में मिलावटी के मामले आए हैं।

अगर कोई नागरिक इस तरह की शिकायत करता है तो संबंधित विभाग तथ्यों की जांच कर, खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत कार्रवाई करते हैं। हालांकि चावल के व्यापारियों ने शहर में प्लास्टिक चावल की संभावना को ठुकरा दिया। चावल के व्यापारी के. के. भीम राव ने कहा," इस तरह के प्लास्टिक चावल की कोई भी बिक्री शहर में नहीं है। भगवान की दया से, राज्य में जाली या प्लास्टिक चावल के लिए कोई जगह नहीं है।"


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.