नोटबंदी की एसआइटी से जांच वाली अर्जी खारिज
मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एसके कौल की पीठ ने याचिका खारिज की।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इन्कार कर दिया, जिसमें सरकार के नोटबंदी के फैसले की एसआइटी से जांच कराने की मांग की गई थी। मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एसके कौल की पीठ ने याचिका खारिज की।
याचिका में 500 और 2000 रुपये के जारी नए करेंसी नोटों पर 'स्वच्छ भारत' का लोगो भी हटाने की मांग की गई थी। पीठ ने कहा, 'नोटबंदी के मुद्दे को लेकर दायर कई याचिकाओं पर हम पहले से ही सुनवाई कर रहे हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) को नोट पर लोगो का फैसला लेने के लिए आपसे इजाजत लेने की जरूरत नहीं है। हमें खेद है।' याचिका हंस राज जैन द्वारा दायर की गई थी। इसमें आठ नवंबर, 2016 को केंद्र के नोटबंदी के फैसले की एसआइटी से जांच कराने के साथ ही एटीएम से पैसे निकालने के लिए लंबी-लंबी लाइनों में खड़े रहने के दौरान जिन लोगों की मौत हो गई थी, उनके परिजनों को मुआवजा देने की भी मांग की गई थी।