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शीना बोरा हत्याकांडः पीटर मुखर्जी को कोर्ट ने 26 नवंबर तक सीबीआइ हिरासत में भेजा

शीना बोरा हत्याकांड में आरोपी पीटर मुखर्जी को आज सीबीआइ कोर्ट में पेश किया गया जिसके बाद कोर्ट ने पीटर मुखर्जी को 26 नवंबर तक सीबीआइ हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले पीटर मुखर्जी को शुक्रवार को अदालत ने तीन दिन की सीबीआइ हिरासत में भेजा था।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2015 08:29 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2015 04:53 PM (IST)

मुंबई। शीना बोरा हत्याकांड में आरोपी पीटर मुखर्जी को आज सीबीआइ कोर्ट में पेश किया गया जिसके बाद कोर्ट ने पीटर मुखर्जी को 26 नवंबर तक सीबीआइ हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले पीटर मुखर्जी को शुक्रवार को अदालत ने तीन दिन की सीबीआइ हिरासत में भेजा था।

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कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआइ ने कोर्ट से कहा है कि पीटर इस हत्याकांड की जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। ये कहते हुए सीबीआइ ने कोर्ट से दस दिनों की हिरासत की मांग की है। तो वहीं कोर्ट ने मुखर्जी की दलील खारिज करते हुए उनसे कहा कि उन्हें शीना बोरा की हत्या के बारे में पता था लेकिन उन्होंने ये जानकारी छिपाए रखी।

इससे पहले पीटर के बेटे राहुल मुखर्जी ने रविवार को शीना से जुड़े कई दस्तावेज सीबीआइ को सौंपे। ये दस्तावेज शीना द्वारा मां इंद्राणी मुखर्जी को ब्लैकमेल करने के लिए इस्तेमाल किए गए थे। राहुल को इस सनसनीखेज हत्याकांड में एक अहम कड़ी माना जा रहा है।

सीबीआइ के एक सूत्र ने बताया कि राहुल ने इस मामले के आरोपियों के खिलाफ जांच अधिकारियों को महत्वपूर्ण सामग्री मुहैया कराई है। राहुल ने ये वो दस्तावेज हैं दिए हैं जिनके जरिए शीना अपनी मां इंद्राणी को ब्लैकमेल कर रही थी।

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जांच अधिकारियों के अनुसार शीना ने अपनी मां से कहा था कि अगर उसने मुंबई में उसे तीन कमरों वाला फ्लैट नहीं दिया तो वह लोगों के सामने यह खुलासा कर देगी कि वह इंद्राणी की बहन नहीं, बल्कि बेटी है। इंद्राणी ने सभी को यह बता रखा था कि शीना उसकी छोटी बहन है।

शीना के एकाउंट से ईमेल भेजती थी इंद्राणी, आरोपपत्र में दी गई जानकारी

बेटी शीना बोरा की हत्या करने के बाद इंद्राणी मुखर्जी उसके एकाउंट से लोगों को ईमेल भेजकर यह बताना चाहती थी कि शीना जिंदा है। ऐसे ही एक ईमेल में इंद्राणी ने पति पीटर मुखर्जी को यह विश्वास दिलाना चाहा कि वह न तो शीना की मां है और न ही बहन। सीबीआइ द्वारा दाखिल आरोपपत्र में यह जानकारी दी गई है।

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14 मार्च, 2013 को शीना के एकाउंट से पीटर को भेजे गए ईमेल में कहा गया है, 'यह सुनने में अजीब लग सकता है लेकिन यही एकमात्र सच है। इंद्राणी न तो मेरी बहन है और न ही मां। वह केवल एक नेक इंसान हैं जो कुछ साल पहले मेरी जिंदगी में आईं।'

इसमें कहा गया कि मेरे नाना-नानी की एक ही बेटी इंद्राणी बोरा थी जिसका आपकी पत्नी वाला ही नाम है। इंद्राणी बोरा मेरी मां थी। उसने भागकर एक व्यक्ति से शादी कर ली थी और उनके शीना और मिखाइल संतान हैं। मेरे नाना-नानी ने दोनों के रिश्ते को स्वीकार नहीं किया। इसके बाद उसकी मां (इंद्राणी बोरा) ने घर छोड़ दिया।

ईमेल में कहा गया है कि 1991 में जब असम में हिंसा और अपहरण का दौर था, तब उसके घर एक जवान लड़की को लाया गया जो घायल और बेहोश थी। शीना को लगा उसका चेहरा उसकी मां के फोटो से मिलता है लेकिन वह मां से काफी छोटी थी। बाद में वह लड़की चली गई और फिर दिखाई नहीं दी। मेल में पीटर से कहा गया कि बेहोश हाल में लाई गई वह लड़की आपकी पत्नी इंद्राणी थी।


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