असम में तनाव भरी शांति
जागरण न्यूज नेटवर्क, गुवाहाटी। असम के सांप्रदायिक हिंसा प्रभावित जिलों में शनिवार को तनाव भरी शांति रही। धुबड़ी जिले में प्रदर्शन व बस पर पत्थरबाजी के अलावा कोई बड़े वारदात की सूचना नहीं है। सीबीआइ की 15 सदस्यीय टीम ने हिंसा प्रभावित जिलों का दौरा किया।
जागरण न्यूज नेटवर्क, गुवाहाटी। असम के सांप्रदायिक हिंसा प्रभावित जिलों में शनिवार को तनाव भरी शांति रही। धुबड़ी जिले में प्रदर्शन व बस पर पत्थरबाजी के अलावा कोई बड़े वारदात की सूचना नहीं है। सीबीआइ की 15 सदस्यीय टीम ने हिंसा प्रभावित जिलों का दौरा किया।
कोकराझाड़ जिले में शुक्रवार शाम हुई ऑल बोडोलैंड माइनॉरिटी स्टूडेंट्स यूनियन के नेता की हत्या के विरोध में शनिवार को छात्रों के दो गुटों ने प्रदर्शन किया। अपने नेता का शव सड़क पर रखकर धुबड़ी जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग जाम किया। एक बस पर पत्थर फेंके, जिसमें दो लोग चोटिल हुए। पुलिस को प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। एस गर्ग के नेतृत्व में सात मामलों की जांच कर रही सीबीआइ की टीम ने कोकराझाड़ का दौरा करने के बाद चिरांग जिले में जांच आरंभ की। टीम को कोकराझाड़ जिले के चार, चिरांग के दो व धुबड़ी के एक मामले की जांच करनी है। कामरूप (ग्रामीण) जिले के रंगिया में शनिवार को कर्फ्यू में सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक ढील दी गई। बजरंग दल के बारह घंटे के कामरूप, बाक्सा व नलबाड़ी जिले में बंद के आह्वान की वजह से जनजीवन पर आंशिक प्रभाव पड़ा। पुलिस महानिरीक्षक एसएन सिंह ने बताया कि प्रभावित जिलों में सुरक्षाबलों की गश्त जारी है।
पूर्वोत्तर के हजारों लोग पहुंचे गुवाहाटी
गुवाहाटी। कर्नाटक से पलायन कर पूर्वोत्तर के हजारों लोग शनिवार को गुवाहाटी पहुंचे। कर्नाटक सरकार ने इन लोगों के लिए तीन विशेष रेलगाड़ियों की व्यवस्था की थी। असम में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के बदले पूर्वोत्तर के लोगों को निशाना बनाने की धमकी मिलने व उन पर हमले की अफवाह के बाद पलायन का यह दौर शुरू हुआ है।
गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पर पहुंचे असम के शिवसागर जिला निवासी बितोपन बरुआ ने बताया, 'बेंगलूर में पांच वर्षो से रह रहा हूं। मेरे कुछ मित्रों को स्थानीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने 20 अगस्त से पहले बेंगलूर छोड़ने या फिर परिणाम भुगतने की धमकी दी। इसलिए हम वापस लोट आए।' धीमाजी की दिंगाता पेगू ने बताया कि कुछ लोग चाकू एवं खंजर लेकर उनके कमरे पर आए और 20 अगस्त तक राज्य छोड़ने की धमकी दी। उन्होंने असम हिंसा का भी हवाला दिया और गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी भी। लोगों के बड़ी संख्या में वापस आने से बाढ़ व सांप्रदायिक हिंसा का दंश झेल रही राज्य सरकार की परेशानियां बढ़ गई हैं।
नागालैंड की आर्थिक नाकाबंदी
गोलाघाट। असम के विभिन्न संगठनों ने शनिवार को नागालैंड की अनिश्चितकालीन नाकाबंदी कर दी। संगठनों से जुड़े लगभग दो सौ प्रदर्शनकारियों ने शनिवार सुबह गोलाघाट जिले के रंगाजन स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-39 को जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि नागालैंड के लोगों ने जिले की करीब दो सौ बीघा जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। मालूम हो कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-39 नागालैंड की लाइफलाइन कही जाती है। सभी उद्योग-धंधे इसी मार्ग पर निर्भर हैं। स्थानीय प्रशासन देर शाम तक प्रदर्शनकारियों से जाम समाप्त करने के प्रयास में लगा रहा।
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