राजद सुप्रीमो पर पासवान का तंज : लालू प्रसाद राजनीति की एक्सपायरी दवा
लोजपा अध्यक्ष व केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव की आधिकारिक घोषणा होने से पहले ही महागठबंधन बिखर गया। उन्होंने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को राजनीति की 'एक्सपायरी दवा' बताते हुए कहा कि बिहार में अब उनका राजनीतिक असर समाप्त हो चुका है।
पटना। लोजपा अध्यक्ष व केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव की आधिकारिक घोषणा होने से पहले ही महागठबंधन बिखर गया। जहां तक वे सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को जानते हैं, मुलायम दोबारा महागठबंधन में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को राजनीति की 'एक्सपायरी दवा' बताते हुए कहा कि बिहार में अब उनका राजनीतिक असर समाप्त हो चुका है।
शुक्रवार को लोजपा के प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में लालू प्रसाद रामविलास पासवान के निशाने पर थे। मौके पर सांसद रामचंद्र पासवान और पशुपति कुमार पारस भी उनके साथ थे।
पासवान ने कहा, वर्ष 2009 के बाद से लालू प्रसाद अपने परिवार के किसी सदस्य को मुखिया का चुनाव तक नहीं जितवा सके तो नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री कहां से बनवाएंगे? पासवान ने माना कि महागठबंधन के बिखरने का सीधा लाभ एनडीए को होगा। बिहार में दो-तिहाई बहुमत के साथ एनडीए की सरकार बनेगी।
पासवान ने कहा, एनडीए के घटक दलों में सीटों के बंटवारे को लेकर कोई विवाद नहीं है। अगले एक सप्ताह में सीटों का बंटवारा हो जाएगा।
पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार में अपनी सरकार बनते ही भागलपुर सांप्रदायिक दंगे की जांच के लिए न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था। तब तय हुआ था कि दंगे के किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। लेकिन, रिपोर्ट मिलने के बाद बदली परिस्थितियों में नीतीश कुमार दंगे के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की स्थिति में नहीं हैं। जिन लोगों के खिलाफ आयोग ने कार्रवाई की अनुशंसा की है, वे लालू प्रसाद के वोट बैंक हैं।
पासवान ने कहा कि लालू प्रसाद धर्मनिरपेक्षता के सबसे बड़े दुश्मन हैं। जिसे उन्होंने जनता परिवार के विलय के समय अध्यक्ष बनाया था, उसी का उन्होंने अपमान किया। मैं तो शुरू से कह रहा हूं कि यह गठबंधन नहीं 'लठबंधन' है, क्योंकि महागठबंधन बनने के बाद इसके टूटने का सिलसिला शुरू हो गया है। पहले एनसीपी अलग हुई, फिर समाजवादी पार्टी।
उन्होंने कहा कि आश्चर्य नहीं होगा कि सीटों की दावेदारी से पहले कहीं कांग्रेस और जदयू भी इस महागठबंधन से अलग न हो जाएं।