आतंकियों की मदद करने वालों से निपटने के लिए सेना को फ्री-हैंड :पर्रिकर
पर्रिकर ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा कि सेना के ऑपरेशन में स्थानीय स्तर पर किसी ने रुकावट डालने की कोशिश की,
श्रीनगर, एजेंसी । थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के कश्मीर में पथराव करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई संबंधी बयान का रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने समर्थन किया है। पर्रिकर ने शुक्रवार को कहा कि सेना हर कश्मीरी को आतंकी नहीं मानती, लेकिन अगर कोई आर्मी के खिलाफ कुछ करे, तो मौजूद अधिकारी को फ्री-हैंड होता है।
पर्रिकर ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा कि सेना के ऑपरेशन में स्थानीय स्तर पर किसी ने रुकावट डालने की कोशिश की, तो उस समय कमांडिंग ऑफिसर को निर्णय लेने का पूरा अधिकार होता है। सेना हर कश्मीरी को आतंकियों का समर्थक नहीं मानती, लेकिन जो आतंकियों के साथ है, वह आतंकी ही है। मालूम हो, इससे पहले केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने भी रावत के बयान का बचाव किया था। उन्होंने कहा था, 'पत्थरबाजों और राष्ट्रीय हित के खिलाफ जो भी काम करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि राष्ट्रीय हित सबसे ऊपर है।'
बता दें कि पर्रिकर और रिजिजू की यह टिप्पणी जनरल रावत के बयान के बाद आई है। मंगलवार को दो अलग-अलग मुठभेड़ों में एक मेजर समेत सेना के चार जवानों शहीद होने के बाद बुधवार को जनरल रावत ने कहा था कि कश्मीर घाटी में स्थानीय लोगों के शत्रुतापूर्ण आचरण के कारण लोग अधिक हताहत होते हैं और सुरक्षा बलों की आतंकवाद रोधी अभियानों के दौरान हमला करने वालों के साथ 'राष्ट्र विरोधी' के तौर पर बर्ताव होगा और उनके खिलाफ 'सख्त कार्रवाई' होगी। पत्थरबाजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी वाले सेना प्रमुख के बयान की कुछ राजनीतिक दलों ने आलोचना की थी। कांग्रेस ने इसे 'ज्यादती' तो कश्मीर में विपक्षी नेशनल कॉन्फ्रेंस इसे 'दुखद' करार दिया था।