मालेगांव के आरोपी पुरोहित को दस्तावेज मुहैया कराएगी सरकार
आठ सालों से जेल की सजा काट रहे लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को रक्षा मंत्री ने आर्मी कागजातों का एक्सेस दिया है ताकि वे खुद को निर्दोष साबित कर सकें।
नई दिल्ली, आइएएनएस : मालेगांव विस्फोट के आरोपी ले. कर्नल प्रसाद पुरोहित को बचाव का मौका देने के लिए रक्षा मंत्रालय सभी जरूरी दस्तावेज मुहैया कराएगा। बृहस्पतिवार को नौसेना कमांडरों के सम्मेलन में भाग लेने आए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने बताया कि मामला अभी अदालत में है। इसलिए मैं इसके गुण-दोष का फैसला नहीं ले सकता। लेकिन मैंने रक्षा मंत्रालय से कह दिया है कि ले. कर्नल पुरोहित अपने बचाव के लिए जो भी दस्तावेज मांगते हैं, उन्हें मुहैया करा दिया जाए।
हालांकि, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े दस्तावेज उन्हें नहीं दिए जाएंगे। जिन फाइलों में अधिकारियों के नाम होंगे, वे फाइलें भी उन्हें नहीं दी जाएंगी। उल्लेखनीय है कि पुरोहित 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी हैं। दक्षिणपंथी संगठन अभिनव भारत की गतिविधियों में लिप्त पाए जाने के बाद उसी साल उनको गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि, पुरोहित का कहना है कि वह खुफिया जानकारी जुटाने के लिए अभिनव भारत से जुड़े थे।
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समझौता और मालेगांव ब्लास्ट केस में शामिल होने के आरोप में लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को जेल में रखा गया है और कुछ दिनों पहले कर्नल ने पर्रिकर से अपने निर्दोष होने का दावा करते हुए सर्विस फिर से बहाल करने की मांग की।
विस्फोट में लश्कर-ए-तैयबा के हाथ होने की जांच एनआइए द्वारा शुरू किए जाने के बाद उनका यह पत्र रक्षामंत्री के पास पहुंचा। एनआइए ने कहा कि लेफ्टीनेंट कर्नल पुरोहित समझौता ब्लास्ट केस में कभी आरोपी नहीं थे और न ही उनके खिलाफ कोई सबूत है। करीब आठ सालों से जेल में रह रहे कर्नल के मामले में कोई चार्जशीट फाइल नहीं की गयी है।
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18 फरवरी 2007 को हरियाणा के पानीपत के पास अटारी एक्सप्रेस ट्रेन में समझौता ब्लास्ट हुआ था। इस विस्फोट में करीब 68 लोग मारे गए। मालेगांव ब्लास्ट में चार लोग मरे और कई घायल हुए।