..बड़ा भरोसा था अपनी बिटिया पर
जागरण संवाददाता, बलिया : सपने टूट गए और असुरक्षित भविष्य का साया मंडराने लगा बेटी के परिवार पर। गैंगरेप की शिकार बिटिया में मेधा और उसके तेज हावभाव देख पिता को उससे बहुत उम्मीदें थीं। दिल्ली में नट बोल्ट का धंधा करने वाले पिता ने हैसियत से बाहर जाकर उसके पालन पोषण में खर्च की। अपनी कमाई से अच्छी तालीम दिलाने
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। सपने टूट गए और असुरक्षित भविष्य का साया मंडराने लगा बेटी के परिवार पर। गैंगरेप की शिकार बिटिया में मेधा और उसके तेज हावभाव देख पिता को उससे बहुत उम्मीदें थीं। दिल्ली में नट बोल्ट का धंधा करने वाले पिता ने हैसियत से बाहर जाकर उसके पालन पोषण में खर्च की।
अपनी कमाई से अच्छी तालीम दिलाने के बाद उस पर और जोखिम उठाया। गांव की जमीन बेचकर उसे देहरादून में पैरामेडिकल में दाखिला दिलाया। इस उम्मीद पर कि दो छोटे बच्चों की बड़ी बहन काबिल निकल जिम्मेदारी संभाल लेगी। कठिन दिनों में भी मां बाप ने उसे अपना पेट काट कर पढ़ाया, अपनी थाती बेचकर बड़ी उम्मीद से उच्च शिक्षा दिलाई। इन दरिंदों ने उनकी उम्मीद पर पानी फेर दिया। 14 व 11 साल के दोनों छोटे भाइयों का भविष्य भी दांव पर लगा देने वाले पिता के सामने अब सबकुछ शून्य ही दिख रहा है। उसके चाचा ऐसी चर्चा करते हुए गमगीन हो जाते हैं। फिर थोड़ा उबर कर इन दरिंदों को सजा दिलाने की चर्चा करते हैं। कहते हैं संविधान में संशोधन कर इन्हें फांसी दिलाए सरकार। गांव के बड़े बुजुर्ग, महिलाएं सब दरिंदों को जल्द से जल्द कड़ा दंड दिए जाने के पक्ष में हैं।
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