पनामा पेपर्स में 2000 भारतीयों के नाम, दिल्ली और मुंबई से जुड़े हैं तार
पनामा पेपर्स लीक मामले में दो हजार भारतीयों के नाम सामने आए हैं। दिल्ली और मुंबई से भी तार जुड़े होने की जानकारी मिली है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। पनामा पेपर्स लीक के ताजा रहस्योद्घाटन में दो हजार भारतीयों के नाम सामने आए हैं, जिनका अकूत पैसा इस टैक्स हेवन देश में है। जानकारी की इस नई कड़ी में दिल्ली, मुंबई कोलकाता चेन्नई के अलावा सिरसा, मुजफ्फरपुर व मंदसौर और भोपाल से भी तार जुड़े हैं। इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आइसीआइजे) ने देर रात लाखों दस्तावेज ऑनलाइन सार्वजनिक किए है।
फिलहाल दूसरे दौर की जानकारियों में चालीस सालों का लेखा-जोखा है। यह आंकड़े वर्ष 1977 से लेकर 2015 के अंत तक के हैं। इसके तहत पनामा पेपर्स ने टैक्स चोरी कर अकूत धन पनामा में जमा करने वाले धनकुबेर भारतीयों के बारे में खासी जानकारी दी हैं। नई सूची से 22 भारतीय संस्थाओं, 1046 अफसरों या निजी खाते, 42 मध्यस्थों और देश में 828 पतों की जानकारी सामने आई है।
यह पते दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई के पॉश इलाकों से लेकर छोटे कस्बों जैसे हरियाणा के सिरसा, बिहार के मुजफ्फरपुर, मध्यप्रदेश के मंदसौर और राजधानी भोपाल के पते हैं। सूची में देश के पूर्वोत्तर राज्यों के भी कुछ पते हैं। डाटाबेस में भारत से जुड़े करीब 30 हजार दस्तावेज हैं।
इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आइसीआइजे) ने सोमवार को देर रात जनहित में इन आंकड़ों का पिटारा खोल दिया। इसमें परत दर परत खुफिया जानकारियों का और पता लगाने की जरूरत है। इसके तहत करीब 2,14,000 विदेशी कंपनियों की खुफिया जानकारी है जिनका न्यायाधिकार क्षेत्र (ज्यूरिडिक्शन) 21 देशों में है। यह देश नेवादा से लेकर हांगकांग और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड तक फैले हुए हैं।
पनामा की लॉ कंपनी मोजैक फोंसेका की लीक हुई फाइलों में आइसीआइजे ने इस बार कोई निजी जानकारी लीक नहीं की है। इन सूचनाओं में कंपनियों, मालिकों, फर्जी पहचानों और मध्यस्थों के खुफिया न्यायाधिकार के बारे में जानकारी है। लेकिन इसमें बैंक खातों, ई-मेल के आदान-प्रदान और दस्तावेजों से संबंधित वित्तीय लेन-देन की जानकारी नहीं है।
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने जारी की गई पनामा पेपर्स की सूची में 500 से अधिक भारतीयों के नाम सामने आए थे। अब कालेधन के इन मामलों की जांच देश की केंद्रीय जांच एजेंसियां जैसे आयकर विभाग, एफआइयू, आरबीआइ, काले धन पर गठित एसआइटी कर रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी विगत सोमवार को पनामा पेपर्स में विदेशी खाताधारकों के खिलाफ सीबीआइ जांच को लेकर केंद्र से जवाब मांगा है।