पनामा पेपर्स लीक: 2013 में हैक हुआ सर्वर, 1977 से 2015 तक के हैं दस्तावेज
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके बेटे-बेटी का नाम भी पनामा पेपर्स लीक से जुड़ा हुआ है।
नई दिल्ली। पनामा पेपर्स लीक का बम कई देशों पर एक साथ फूटा था। यह शायद पहला ऐसा बम विस्फोट होगा, जिसके धमाके की आवाज तो नहीं आई, लेकिन इसने हजारों लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। पनामा पेपर्स लीक ने कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों, राजनीतिक हस्तियों, फिल्म कलाकारों, खिलाड़ियों और अपराधियों के वित्तीय लेन-देन की कलई खोलकर रख दी। इसके बाद जो हंगामा खड़ा हुआ आज तक नहीं थमा है। इन पेपर्स में करीब पांच सौ भारतीयों के नाम भी हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके बेटे-बेटी का नाम भी पनामा पेपर्स लीक से जुड़ा हुआ है। पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत नवाज शरीफ और उनके बच्चों की संलिप्तता वाले इस मामले में आज को फैसला सुनाएगी।
अप्रैल 2016 में सामने आया मामला
पनामा पेपर्स लीक का मामला पिछले साल अप्रैल महीने में सामने आया था। पनामा पेपर लीक्स में विदेशों में काला धन रखने वालों की सूची सार्वजनिक हुई थी। इंटरनेशनल कन्सोर्टियम इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) नाम के एनजीओ ने पनामा पेपर्स लीक के नाम से खुलासा किया था। ये दस्तावेज उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका को सड़कमार्ग से जोड़ने वाले देश पनाम की एक लॉ फर्म मोसैक फोंसेका से मिले थे। आईसीआईजे के मुताबिक इन्होंने उन दस्तावेजों की गहरी छानबीन की, जो इन्हें किसी अज्ञात सूत्र ने उपलब्ध करवाए थे। जांच में ढेरों फिल्मी और खेल जगत की हस्तियों के अलावा लगभग 140 राजनेताओं, अरबपतियों की छिपी संपत्ति का भी खुलासा हुआ है।
साल 2013 में हैक हुआ था सर्वर
लॉ फर्म मोसैक फोंसेका के सर्वर को 2013 में हैक किया गया था। आईसीआईजे ने करीब 1 करोड़ 10 लाख दस्तावेजों का सिलसिलेवार खुलासा किया था। इनमें भारत के भी कुछ लोगों के विदेशों में संपत्तियों का दावा किया गया था।
1977 से लेकर 2015 तक पनामा पेपर्स लीक
पनामा पेपर्स लीक की जांच में जो दस्तावेज सामने आए हैं वो बीते 1977 से लेकर 2015 तक लगभग 40 वर्षों के हैं। पनामा स्थित लॉ फर्म मोसैक फोंसेका से लीक हुए इन दस्तावेजों को लेकर दावा किया जा रहा है कि इनमें जिन 500 भारतीय हस्तियों के नामों का जिक्र है, उनमें से 300 नामों की पुष्टि भी की जा चुकी है। जर्मनी के एक अखबार के मुताबिक, इस पेपर लीक से 2.6 टेराबाइट डेटा सामने आया है जो लगभग 600 डीवीडी में आ सकता है।
आइसलैंड के प्रधानमंत्री ने दिया इस्तीफा
पनामा पेपर्स लीक में नाम सामने आने के बाद आइसलैंड के प्रधानमंत्री डेविड गुनलाउगसन ने इस्तीफा दे दिया था। अब तलवार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर लटक रही है। आरोप है कि गुनलाउगसन और उनकी पत्नी ने ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में एक कंपनी खड़ी की थी।
अमिताभ बच्चन और ऐश्वर्या राय का भी नाम!
भारत से पनामा पेपर्स लीक मामले में कई नाम सामने आए हैं। इनमें बॉलीवुड स्टार अमिताभ बच्चन और ऐश्वर्या राय का नाम भी शामिल था। हालांकि इन दोनों ने ही इससे इनकार किया। अमिताभ बच्चन ने कहा है कि उनके नाम का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि वह सी बल्क शिपिंग कंपनी लिमिटेड, लेडी शिपिंग लिमिटेड और ट्रैम्प शिपिंग लिमिटेड में से किसी को भी नहीं जानते। वह कभी ऐसी कंपनीज के डायरेक्टर नहीं रहे।
1990 के दशक में शरीफ द्वारा धन शोधन कर लंदन में संपत्ति खरीदी!
पनामा पेपर्स लीक मामले में फंसे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के लिए गुरुवार सबसे बड़ा दिन है। पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट आज इस मामले में अपना फैसला सुनाएगी। इससे पहले बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष की दलीलें समाप्त होने के बाद पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत ने 23 फरवरी को पनामागेट मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह मुकदमा 1990 के दशक में शरीफ द्वारा धन शोधन कर लंदन में संपत्ति खरीदने का है। शरीफ उस दौरान दो बार देश के प्रधानमंत्री रहे थे। पनामागेट कांड में नवाज शरीफ का नाम सामने आने के बाद से ही उनके विरोधी उन्हें आड़े हाथों ले रहे हैं। हालांकि पीएम शरीफ इन आरोपों को सिरे से खारिज करते रहे हैं।
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