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भारत के करारे जवाब के बाद सीमा पर गोलाबारी थमी, दहशत बरकरार

बुधवार को भारतीय सेना ने पाक सेना को जवाब देना शुरू किया जिसमें पाक सेना के चार जवान मारे गए और कई जवान घायल हो गए।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Thu, 20 Jul 2017 02:42 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jul 2017 02:42 PM (IST)
भारत के करारे जवाब के बाद सीमा पर गोलाबारी थमी, दहशत बरकरार
भारत के करारे जवाब के बाद सीमा पर गोलाबारी थमी, दहशत बरकरार

जागरण संवाददाता, राजौरी। बुधवार दोपहर बाद से राजौरी पुंछ दोनों जिलों में पाक सेना द्वारा की जा रही गोलाबारी भारतीय सेना के करारे जवाब के बाद थम हुई है, लेकिन सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में दहशत का माहौल बरकरार है। पाक गोलाबारी के चलते दोनों जिलों में 120 स्कूल अगले आदेश तक बंद कर दिए गए है।

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शनिवार से लेकर बुधवार तक पाक सेना ने भारतीय क्षेत्र में जमकर गोलाबारी की। इस गोलाबारी में सेना के चार जवान शहीद हो गए जबकि एक बच्ची भी पाक गोलाबारी की चपेट में आने से मारी गई और सात स्थानीय नागरिक व सेना के पांच जवान भी घायल हो गए।

बुधवार को भारतीय सेना ने पाक सेना को जवाब देना शुरू किया जिसमें पाक सेना के चार जवान मारे गए और कई जवान घायल हो गए। इस जवाबी कार्रवाई के बाद पाक सेना ने फिलहाल गोलाबारी को बंद कर दिया है। गोलाबारी थमने के बाद भी सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है।

कुछ समय गोलाबारी बंद रखने के बाद फिर शुरू कर देती है पाक सेना
पहले भी कई बार पाक सेना कुछ कुछ समय के गोलाबारी को बंद कर देती है, लेकिन फिर से तेज गोलाबारी को शुरू कर देती है। सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को यहीं कहना है कि पाक सेना पर कोई भरोसा नहीं है। अभी पाक सेना ने गोलाबारी बंद की है तो किसी भी समय इसे दुबारा शुरू कर देगी इससे अधिक नुकसान होता है। क्योंकि गोलाबारी बंद होने पर लोग अपने कार्य में जुट जाते है और पाक सेना अचानक गोलाबारी शुरू कर देती है। जिससे लोगों का पाक गोलाबारी से बचना काफी मुश्किल हो जाता है।

बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा गोलाबारी का असर
पाक सेना की गगोलाबारी को देखते हुए प्रशासन ने राजौरी व पुंछ दोनों जिलों के सीमांत क्षेत्रों के 120 स्कूलों को अगले आदेश तक बंद कर दिया है। पहले भी कई बार यह स्कूल बंद रह चुके है जिससे सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले बबच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

बच्चे चाहते है कि वह अपनी पढ़ाई करने के लिए स्कूलों में जाए, लेकिन पाक सेना के निशाने पर अब सीमांत क्षेत्रों के स्कूल है। प्रशासन नहीं चाहता कि पाक सेना स्कूल में पढ़ाई के लिए आने वाले बच्चों को नुकसान पहुंचाए।

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