सिंधु जल आयोग की बैठक में भी सियासत से बाज नहीं आया पाकिस्तान
भारत ने पाकिस्तान के उस दावे को खारिज किया है, जिसमें उसकी तरफ से कहा जा रहा था कि कहा भारत मियार पनबिजली परियोजना का काम रोकने को राजी हो गया है।
इस्लामाबाद (पीटीआई)। स्थायी सिंधु जल आयोग की बैठक में भी पाकिस्तान अपनी नापाक सियासी चालें चलने से बाज नहीं आया। बैठक के दूसरे दिन मंगलवार को उसने दावा किया कि पाकिस्तान की आपत्तियों के बाद भारत ने हिमाचल प्रदेश की मियार पनबिजली परियोजना का डिजायन वापस ले लिया है और काम रोकने पर राजी हो गया है। हालांकि, भारतीय अधिकारियों ने इसे तथ्यात्मक रूप से पूरी तरह गलत बताते हुए कहा कि भारत परियोजना पर काम रोकने के लिए कभी राजी नहीं हुआ।
भारत और पाकिस्तान के बीच स्थायी सिंधु जल आयोग की दो दिवसीय बैठक में भारत का नेतृत्व सिंधु जल आयुक्त पीके सक्सेना और पाकिस्तानी पक्ष का नेतृत्व मिर्जा आसिफ सईद बेग कर रहे हैं। पाकिस्तान के जल एवं ऊर्जा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि बैठक में प्रस्तावित भारतीय पनबिजली परियोजनाओं मियार, लोअर कालनई और पाकल दुल पर चर्चा हुई।
इसके अलावा दोनों पक्षों ने सिंधु जल आयोग की बैठकों, दौरे करने और आंकड़ों के आदान-प्रदान पर भी बातचीत की। बयान के मुताबिक, भारत जम्मू-कश्मीर की लोअर कालनई और पाकल दुल परियोजनाओं पर भी पाकिस्तान की आपत्तियों पर पुनर्विचार के लिए तैयार हो गया है और आयोग की अगली बैठक में इस पर अपना जवाब देगा। साथ ही भारतीय पक्ष पाकिस्तानी सिंधु जल आयोग के निरीक्षण दौरे के लिए भी तैयार हो गया है। इसके अगस्त 2017 से पहले होने की उम्मीद है।
पाकिस्तान ने बाढ़ के मौसम में चिनाब नदी पर बने बगलिहार और सलल बांधों से निकलने वाले अतिरिक्त पानी का ब्योरा देने का भी आग्रह किया है, ताकि समय से बाढ़ की चेतावनी जारी की जा सके। बयान के मुताबिक, भारत पाकिस्तान के इस आग्रह पर विचार के लिए भी राजी है और उम्मीद है कि आगामी मौसम से पाकिस्तान को ये आंकड़े मिलने शुरू हो जाएंगे।
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