'मुझे ड्राइविंग का है अनुभव, ऐसी हरकत की तो कार से रौद दूंगी'
क्या कोई सोच सकता है कि पाकिस्तानी महिलाएं भी मुखर हो सकती हैं। ऑनलाइन कैंपेन के जरिए वो पुरुष प्रधान मानसिकता को चुनौती दे रही हैं।
इस्लामाबाद। क्या आप सोच सकते हैं कि पाकिस्तान में महिलाएं मुखर हो सकती हैं ? क्या वे पुरुष प्रधान मानसिकता के खिलाफ मुहिम छेड़ सकती हैं? क्या वे पाकिस्तानी हुक्मरानों के खिलाफ आवाज बुंलद कर सकती हैं। जवाब मिलेगा बिल्कुल नहीं, कम से कम पाकिस्तान में तो ये संभव नहीं है। लेकिन हकीकत ये है कि सीआईआई के फैसलों के खिलाफ महिलाओं ने एक अभियान चला रखा है। पाकिस्तानी महिलाएं # Trymebeatinglightly के जरिए अपने गुस्से का इजहार कर रही हैं। सीआईआई के फैसले के खिलाफ एक महिला ने कहा कि मैं दहकते हुए सूरज की तरह हूं। छुओगे तो जल जाओगे और जिंदगी नर्क बन जाएगी। मैं उस रोशनी की तरह हूं जिसे तुम रोक नहीं सकते। मैं वो ताकत हूं जिसे तुम संभाल नहीं सकते। कुरान की गलत व्याख्या मत करो नहीं तो खुदा भी माफ नहीं करेगा। इसके अलावा महिलाएं और कमेंट्स दे रही हैं जो कुछ इस तरह हैं।
1.शगुफ्ता अब्बास नाम की महिला ने लिखा है कि मुझे पीट कर तो देखो! जो हाथ मुझ पर उठाओगे, उसे तोड़कर तुम्हें अल्लाह के भरोसे छोड़ दूंगी। मैं जुल्म को बर्दाश्त करने वाली नहीं हूं।
2. ब्लॉगर सादिया अजहर राब्या अहमद ने लिखा है कि हमारा चैलेंज है कि पुरुष तो हमें अपने इंटेलिजेंस से पछाड़ें। हम महिलाएं सूरज की तरह हैं। अगर हाथ लगाने की कोशिश भी की तो जलाकर रख देंगे।
3. राइटर अदीका लालवानी लिखती हैं- "मुझे पीटने की कोशिश तो करके देखिए, मैं तुम्हारे लिए तबाही बन जाऊंगी।"
4.प्रियंका पाहुजा ने लिखा- "मुझे ड्राइविंग का 7 साल का एक्सपीरियंस है। ऐसी हरकत की तो तुम्हें कार से रौंद दूंगी।"
5.सुंबुल उस्मान लिखती हैं- "मुझ पर हाथ भी उठाया तो तुम अगली सुबह देखने के लिए जिंदा नहीं बचोगे।"
6.फिजा रहमान ने कहा- "तुम मुझे घर में पीटोगे, लेकिन मैं तुम्हें लोगों के बीच ले जाकर पीटूंगी।"
7.एक स्कूल टीचर संदस रशीद लिखती हैं कि अगर मुझे पीटा तो तुम्हारी बाकी जिंदगी दयनीय बना दूंगी। इसके लिए तुम खुद जिम्मेदार होगे।
सोशल मीडिया पर सपोर्ट
महिलाओं को सोशल मीडिया पर भी खूब सपोर्ट मिल रहा है। इन सबसे अलग मरयम शब्बीर लिखती हैं- "पिटाई के बजाय तुम मुझे इतना प्यार दो कि चाहकर भी मैं तुम्हारी बात टाल न सकूं।"
सीआईआई का क्या है कहना ?
- पिटाई का जिक्र काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी (सीआईआई) की तरफ से बनाए गए नए महिला बिल में है।
- सीआईआई पाकिस्तान की 20 मेंबर्स की कॉन्स्टिट्यूशनल बॉडी है। यह संसद को कानून बनाने की सलाह देती है।
- इसकी सिफारिशों में कहा गया है कि अगर औरत पति का कहना न माने, उसके मुताबिक कपड़े न पहने, फिजिकल होने से मना करे तो पति उसे हल्के से पीट सकता है। साथ ही गर्भधारण (कंसीव) के 120 दिन बाद अबॉर्शन करवाने को हत्या करना माना जाए।
महिला विरोधी बिल में और क्या लिखा है?
CII के बिल के मुताबिक, महिलाएं हिजाब न पहनें, अजनबियों से बात करें, ज्यादा ऊंची आवाज में बोलें और शौहर की इजाजत के बिना किसी को पैसे दें तो शौहर पिटाई कर सकता है।
- यह भी कहा गया है कि महिला नर्सें पुरुष मरीजों का ध्यान नहीं रख सकतीं हैं।
- प्राइमरी एजुकेशन के बाद लड़कियां को-एड स्कूलों में नहीं पढ़ सकतीं। महिलाएं किसी फौजी लड़ाई में हिस्सा नहीं ले सकतीं।
- साथ ही वे एडवर्टिजमेंट में काम नहीं कर सकतीं।
- महिलाएं फॉरेन डेलिगेशन का वेलकम नहीं कर सकतीं। वे पुरुषों से घुल-मिल नहीं सकतीं, अजनबियों संग घूमने-फिरने नहीं जा सकतीं।