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पूर्व आतंकियों से संपर्क साधने की कोशिश में जुटा पाक

आतंकियों ने पाक स्थित अपने आकाओं को साफ कर दिया है कि ऐसे में जाड़े के दिनों में आतंकी गतिविधियों को चलाये रखना आसान नहीं होगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 22 Oct 2017 07:15 AM (IST)Updated: Sun, 22 Oct 2017 07:15 AM (IST)
पूर्व आतंकियों से संपर्क साधने की कोशिश में जुटा पाक

नीलू रंजन, नई दिल्ली। लगातार हो रही मुठभेड़ और सीमा पार से घुसपैठ में हो रही दिक्कत कश्मीर में सक्रिय आतंकियों के लिए दोहरी मुसीबत साबित हो रहा है। आतंकियों ने पाक स्थित अपने आकाओं को साफ कर दिया है कि ऐसे में जाड़े के दिनों में आतंकी गतिविधियों को चलाये रखना आसान नहीं होगा। ऐसे में आइएसआइ सरेंडर कर चुके पूर्व आतंकियों के साथ संपर्क साधने की कोशिश कर रहा है। दरअसल सुरक्षा एजेंसियां पिछले साल बुरहान वानी की मौत के बाद हिंसक प्रदर्शनों के दौरान आतंकियों और अलगाववादियों के बढ़े मनोबल को तोड़ने में सफल रही। हिजबुल मुजाहिदीन से लेकर लश्करे तैयबा के एक-के-बाद-एक आतंकी सरगनाओं को सुरक्षा एजेंसियों ने मार गिराया। इस साल अभी तक लगभग 170 आतंकी मारे जा चुके हैं।

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-घाटी में बचे हैं लगभग 150 सक्रिय आतंकी

-आतंकवाद को जिंदा रखने के लिए पाकिस्तान की नई कोशिश

 सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फिलहाल घाटी में लगभग 150 आतंकी सक्रिय आतंकी बचे हैं। लेकिन उनमें कमांडर स्तर के मात्र छह-सात ही हैं। उन्होंने कहा कि उत्तरी कश्मीर में लगभग 70 और दक्षिणी कश्मीर में 80 आतंकी सक्रिय हैं। निचले दर्जे के और कम अनुभव वाले ये आतंकी बड़े हमले में सक्षम नहीं हैं। दूसरी ओर, सीमा पर सुरक्षा एजेंसियों की चौकसी आतंकी घुसपैठ को रोकने में काफी हद तक सफल रही है। इस साल घुसपैठ की 300 से अधिक कोशिशों में आतंकी केवल 60-70 मामले में ही सफल हो पाए हैं। यही नहीं, घुसपैठ करने में सफल आतंकी भी बड़ी संख्या में मारे गए हैं। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीमा के पास इस साल लगभग 70 आतंकी मारे गए हैं।

आतंकियों के लिए सबसे बड़ी समस्या यह है कि नवंबर में पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू हो जाएगी। इसके बाद सीमा पार उनके लिए घुसपैठ करना और भी मुश्किल हो जाएगा। घुसपैठ नहीं होने की स्थिति में घाटी में आतंकवादी हमलों को जारी रखने के लिए न्यूनतम आतंकियों की संख्या भी नहीं बचेगी। घाटी में सक्रिय आतंकियों ने पाक स्थित अपने आकाओं को स्थिति से अवगत करा दिया है।

सुरक्षा एजेंसियों को मिल रही सूचना के मुताबिक आइएसआइ ने घाटी में आतंकी गतिविधियों को जारी रखने के लिए सरेंडर कर चुके पूर्व आतंकियों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। लेकिन मौजूदा हालात में पूर्व आतंकी भी कोई जोखिम नहीं लेना चाहता है। इसके साथ ही आइएसआइ ने जैश ए मोहम्मद के स्लीपर सेल को सक्रिय कर दिया है। घाटी में जैश ए मोहम्मद के आतंकियों के बढ़े हमले इसके सबूत हैं। लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की माने तो अकेले जैश घाटी में बहुत दिनों तक अशांति फैलाने में कामयाब नहीं हो सकेगा।

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