पाक कोर्ट ने दिलीप कुमार के पैतृक घर पर मांगा स्पष्टीकरण
पाकिस्तान की एक अदालत ने दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार के पैतृक घर के बारे में खैबर पख्तूनख्वा की प्रांतीय सरकार से रख रुख स्पष्ट करने को कहा है। इस घर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया गया है जिस पर एक व्यक्ति ने अपना दावा किया है।
पेशावर। पाकिस्तान की एक अदालत ने दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार के पैतृक घर के बारे में खैबर पख्तूनख्वा की प्रांतीय सरकार से रख रुख स्पष्ट करने को कहा है। इस घर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया गया है जिस पर एक व्यक्ति ने अपना दावा किया है। पेशावर हाई कोर्ट ने मंगलवार को प्रांतीय संस्कृति और पुरातत्व विभाग के सचिव को तलब किया और पूछा कि क्या सरकार अभी भी उस घर के अधिग्रहण की इच्छुक है।
दरअसल, जस्टिस निसार हुसैन और जस्टिस रोहुल अमीन की पीठ एक स्थानीय कारोबारी लाल मुहम्मद की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही है। इसमें याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि चौक नासिर खान स्थित जिस घर को दिलीप कुमार से जोड़ा जा रहा है, वो उसकी संपत्ति है। उसका दावा है कि यह संपत्ति उसके पिता ने 1943 में खरीदी थी। यह केवल दावा है कि इस घर में दिलीप कुमार ने अपने बचपन के दिन गुजारे थे। वकील ने कहा कि इस घर को दिलीप की पैतृक संपत्ति नहीं कहा जा सकता है।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से आग्रह किया है कि वह सरकार को अधिग्रहण निरस्त करने का निर्देश दे और संपत्ति उसके उपयोग के लिए छोड़ी जाए। 92 वर्षीय अभिनेता का जन्म पेशावर में 1922 में हुआ था और बचपन में उनका नाम युसूफ खान था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पिछले साल दिलीप कुमार के घर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया था ताकि भारत-पाकिस्तान के सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा मिल सके।