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रात भर डराती-जगाती रही अफवाहें, लोगों ने पार्कों में बिताई रात

आसमान बादलों से घिरा हो। हवाएं तेज चल रही हों और फिर धरती भी डोलने लगे तो खौफ का मंजर समझा जा सकता है। बिहार की राजधानी पटना के लोगों ने शनिवार को इसे खूब महसूस किया। नाम अलग हो सकते हैं। मोहल्ले और गलियां भी, मगर खौफ एक जैसा

By Sumit KumarEdited By: Published: Sun, 26 Apr 2015 09:37 AM (IST)Updated: Sun, 26 Apr 2015 10:12 AM (IST)
रात भर डराती-जगाती रही अफवाहें, लोगों ने पार्कों में बिताई रात

पटना, [कुमार रजत]। आसमान बादलों से घिरा हो। हवाएं तेज चल रही हों और फिर धरती भी डोलने लगे तो खौफ का मंजर समझा जा सकता है। बिहार की राजधानी पटना के लोगों ने शनिवार को इसे खूब महसूस किया। नाम अलग हो सकते हैं। मोहल्ले और गलियां भी, मगर खौफ एक जैसा था।

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खौफ भी ऐसा कि दिन में आए भूकंप के दहशत में लोग देर रात तक जागते रहे। गांधी मैदान सहित राजधानी के हर इलाके का पार्क व मैदान अंधेरा होने के बाद भी लोगों से पटा रहा। इस दहशत को अफवाह बार-बार हवा देती रही।

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दूसरा भूकंप ‘हल्का’, फिर भी पड़ा भारी
दिन के 11:41 मिनट पर भूकंप के सबसे तेज झटके महसूस हुए। लोगों ने काफी देर तक धरती हिलने के एहसास को महसूस किया। आधे घंटे बाद ही 12:15 बजे फिर से भूकंप का झटका आया। हालांकि ये झटका पहले के मुकाबले कमजोर व थोड़े अंतराल का था मगर पहले से डरे लोग और ज्यादा दहशत में आ गए। इस बीच बादलों की गड़गड़ाहट के साथ बारिश भी होने लगी। बावजूद लोग भींगते हुए पार्को व सड़कों पर खड़े रहे। महिलाएं व बच्चे सबसे ज्यादा सहमे दिखे।

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हर घंटे उड़ती रही भूकंप की अफवाह :
दो-तीन भूकंप के झटकों के बाद लोगों के मन में जैसे यह बात घर कर गई कि अब बार-बार धरती हिलेगी। फिर क्या था, अफवाह का बाजार गर्म हो गया। एक बजते-बजते मोहल्ले के मोहल्ले व अपार्टमेंट्स खाली होने लगे। कोई कहता दो बजे भूकंप आएगा तो कोई कहता तीन बजे। इसी जद्दोजहद में शाम हो गई। अफवाह फिर उड़ी। इस बार समय शाम छह बजे का दिया गया। कुछ लोगों ने समझाने की कोशिश भी की मगर लोग घर जाने को तैयार नहीं दिखे।

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भूकंप ने खूब कराई दुकानदारी :
पार्को में लोगों का जुटान होते ही वहां मेले सा नजारा हो गया। मौका भुनाते हुए थोड़ी देर में ही चाट-गुपचुप, आइस्क्रीम, जूस आदि के ठेले सज गए। डर ऐसा था कि कोई खाना खाने के लिए भी घर जाने को तैयार नहीं था। कंकड़बाग के पार्क, एसके पुरी पार्क, सहित कई पार्क व मैदानों में ऐसी ही स्थिति रही।

व्हाट्सएप ने गर्म किया अफवाह का बाजार :
अफवाह उड़ाने वालों के पास बाकायदा कई तर्क भी थे। कोई मौसम विभाग के अलर्ट की सूचना को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहा था तो कोई न्यूज चैनलों का हवाला दे रहा था। सबसे ज्यादा अफवाह को हवा व्हाट्सएप से आने वाले मैसेजों ने दी। एक मैसेज में बाकायदा केंद्रीय मौसम विभाग व छत्तीसगढ़ मौसम विभाग, रायपुर के हवाले से भूकंप की चेतावनी जारी कर दी गई। सुबह 11:07 से 11:53, शाम 5:43 से 6:07, रात्रि 10:36 से 11:47 और अर्धरात्रि 1:42 से 2:20 के बीच 13.4 रिक्टर पैमाने का भूकंप आने की झूठी अफवाह फैलाई गई। लोग ऐसे अफवाहों को आगे बढ़ाते रहे और दहशत बढ़ती रही।

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भूकंप के बाद फेसबुक पर ‘बाढ़’ :
भूकंप के बाद फेसबुक मानों भूकंप का केंद्र बन गया। हर कोई अपनी बात फेसबुक के जरिए लोगों तक पहुंचाने लगा। यहां भी अफवाहों का बाजार गर्म रहा। फेसबुक पोस्ट के जरिए लोग एक-दूसरे का हालचाल लेते रहे। कई लोगों ने देर शाम भूकंप आने जैसी बातें लिखीं। भूकंप पर चुटकुले भी बनाए गए। कई ने भूकंप से बचने के उपाय साझा किए।

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