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2010 के बाद नहीं देखा उन्‍हें, अब अंतिम बार देखने की है चाहत

सऊदी अरब में मरे भारतीय पेंटर की अनाथ बच्‍चियां पिता के अंतिम दर्शन के लिए शव की वापसी चाहती हैं और इसके लिए सुषमा स्‍वराज से मदद की मांग कर रहीं हैं।

By Monika minalEdited By: Published: Fri, 03 Jun 2016 09:10 AM (IST)Updated: Fri, 03 Jun 2016 12:41 PM (IST)
2010 के बाद नहीं देखा उन्‍हें, अब अंतिम बार देखने की है चाहत

नई दिल्ली। अपने पिता को आखिरी बार देखने की चाहत लिए ममता और सरिता पिछले 12 दिनों से इंतजार कर रही हैं। महावीर यादव का शव अभी भी कानूनी प्रक्रियाओं के तहत सऊदी अरब में होफुफ जिला स्थित अस्पताल में ही अटका हुआ है।

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गत 22 मई को होफुफ जिले में 57 वर्षीय महावीर यादव की मौत दिल के दौरे के कारण हो गयी। तब से उनकी बेटियां अपने पिता के शव को वापस भारत लाने की कोशिशों में जुटी हैं।

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2010 में सऊदी अरब गए भारतीय पेंटर महावीर यादव फिर कभी भारत लौट नहीं पाए यहां तक कि पत्नी की मौत पर भी नहीं। गौर करने की बात है कि उनके मालिक ने उनका पासपोर्ट जब्त कर रखा है। पेंटर की तौर पर काम करने और पैसा कमाने सऊदी अरब गए महावीर यादव उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के निवासी हैं।

ममता ने कहा ‘वे हमें कहा करते थे कि मालिक (धनी शेख) ने उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया है।‘ उसने यह भी बताया,’गत वर्ष जुलाई में उसकी मां की मौत होने पर भी वे नहीं भारत नहीं आ पाए थे।‘

डेली मेल के अनुसार, यादव की पांच लड़कियां हैं जिनमें से बड़ी तीन बेटियों की शादी हो चुकी है, अब केवल 21 वर्षीया ममता और 19 वर्षीया सरिता ही घर में बचे हैं।

ममता ने कहा, ‘हम अपना घर पिता के द्वारा भेजे गए पैसे से चलाते थे। हमारे घर के सामने एक छोटा तालाब है जिसमें हम मतस्य पालन भी करते थे लेकिन मां की मौत के बाद गांव वालों ने वह तालाब हमसे छीन लिया।‘

इस घटना के बारे में बात करते हुए ममता ने बताया,’हमारे चाचा सरदार यादव भी मेरे पिता के साथ काम करते थे और उन्होंने हमें बताया कि शेख पासपोर्ट देने को तैयार नहीं। चाचा ने बताया कि शेख कह रहा है कि कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही वह पासपोर्ट देगा।‘

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ममता ने कहा,’हमारे पड़ोसियों ने हमें कहा कि विदेश मंत्रालय को नोटरी डॉक्यूमेंट भेजने पर पिता का शव वापस भारत आ सकेगा। हमने यह भी किया पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।‘ उसने आगे बताया,’ हमने सुना है कि सुषमा स्वराज जी काफी जिम्मेवार और सक्रिय मंत्री हैं, हम उनसे मदद की याचना करेंगे।‘


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