जानें, किस चहेते अफसर के चक्कर में फंसी यूपी सरकार, HC ने क्या दिया फरमान
इलाहाबाद हाईकोर्ट का रमा रमण को लेकर यह अहम फैसला उस समय आया है, जब समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का 43वां जन्मदिन मना रहे हैं।
नई दिल्ली (जेएनएन)। नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण के चेयरमैन पर आखिरकार इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाज गिरा दी। हाईकोर्ट ने एक बड़े आदेश में तीनों प्राधिकरण के चेयरमैन रमा रमण के कामकाज पर रोक लगा दी है। वरिष्ठ आइएएस अफसर रमा रमण की नियुक्ति को लेकर एक बार फिर कोर्ट ने अखिलेश सरकार के कामकाज को लेकर खिंचाई की है। हालांकि अभी तक प्रदेश सरकार की इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
बता दें कि हाईकोर्ट ने पूर्व में भी प्राधिकरण में रमा रमण की नियुक्ति को लेकर सवाल उठाए थे। तब कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि आखिर सरकार की रमा रमण की तैनाती के पीछे क्या मजबूरी है। वह इतने वर्षों से प्राधिकरण में क्यों तैनात हैं।
विकास की बुलंदी छुएगा शहर : रमा रमण
रमा रमण के अधिकार जब्त
शुक्रवार को एक बार फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने सख्त निर्देश में रमा रमण के अधिकार जब्त करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि प्राधिकरण चेयरमैन के अधिकार जब्त कर उनके कामकाज पर तत्काल रोक लगाई जाए।
इलाहाबाद HC ने पूछा, तीनों प्राधिकरणों का कार्यभार क्यों?
जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में राज्य सराकर से पूछा कि आइएएस अधिकारी रमा रमण को तीनों प्राधिकरणों का कार्यभार क्याें दिया गया है?
अखिलेश सरकार को दिया आदेश, जल्द ट्रांसफर करें रमा रमण को
जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि तीनों प्राधिकरणों का कार्यभार क्योँ दिया गया है। इसी के साथ दो हफ्ते में ट्रांसफर करने को कहा है।