लोकसभा के नेता विपक्ष पर फैसला चार दिनों में
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा है कि वह लोकसभा में नेता विपक्ष को मान्यता देने के बारे में नियमों और इस बारे में अटॉर्नी जनरल के पत्र को देखकर अगले चार दिनों में फैसला ले लेंगी।
नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा है कि वह लोकसभा में नेता विपक्ष को मान्यता देने के बारे में नियमों और इस बारे में अटॉर्नी जनरल के पत्र को देखकर अगले चार दिनों में फैसला ले लेंगी।
महाजन ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष को किसी सदस्य को नेता प्रतिपक्ष के रूप में चुनने के बारे में कोई व्यक्तिगत विवेक के इस्तेमाल की इजाजत नहीं है। उसे किसी निर्णय तक पहुंचने के लिए इस बारे में केवल नियमों और परंपराओं का पालन करना होता है। उन्होंने कहा, ' मैं सभी नियमों और अटॉर्नी जनरल के पत्र को देखूंगी। मुझे देखना है कि उसमें क्या है और क्या नहीं है। लोकसभा अध्यक्ष कुछ भी नहीं कर सकता.. मुझे नियमों का पालन करना है। एक से चार दिनों के अंदर मैं इस पर फैसले की उम्मीद करती हूं। बहुत बार ऐसा हुआ है जब कोई नेता प्रतिपक्ष नहीं रहा।' इस बारे में असमंजस को देखते हुए ही उन्होंने इस मामले में अटॉर्नी जनरल की राय मांगी है। अपने पत्र में रोहतगी ने कहा है कि कांग्रेस इसके लिए हकदार नहीं है और इससे पहले लोकसभा में ऐसी कोई परंपरा भी नहीं है कि यह पद किसी ऐसी पार्टी के नेता को दिया जाए जिस पार्टी के पास इनके लिए जरूरी कम से कम सदस्यों की संख्या भी नहीं हो।