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अखिल भारतीय न्यायिक सेवा पर अटॉर्नी जनरल से मांगी राय

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद की अध्यक्षता में हाल में हुई एक बैठक में आइएएस और आइपीएस की तर्ज पर अखिल भारतीय न्यायिक सेवा (एआइजीएस) के गठन से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी और सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार से राय मांगने का फैसला किया गया।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Tue, 28 Feb 2017 08:15 PM (IST)Updated: Tue, 28 Feb 2017 08:26 PM (IST)
अखिल भारतीय न्यायिक सेवा पर अटॉर्नी जनरल से मांगी राय
अखिल भारतीय न्यायिक सेवा पर अटॉर्नी जनरल से मांगी राय

नई दिल्ली, प्रेट्र : सरकार ने अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के गठन पर दो शीर्ष विधि अधिकारियों से राय मांगी है। यह मुद्दा राज्यों और न्यायपालिका के बीच मतभेद की वजह से 1960 के दशक से ही अधर में लटका है।

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कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद की अध्यक्षता में हाल में हुई एक बैठक में आइएएस और आइपीएस की तर्ज पर अखिल भारतीय न्यायिक सेवा (एआइजीएस) के गठन से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी और सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार से राय मांगने का फैसला किया गया। दोनों अधिकारियों ने विधि मंत्रालय के अन्य अधिकारियों के साथ 16 जनवरी की बैठक में हिस्सा लिया था। बैठक में एआइजेएस के गठन पर चर्चा हुई थी। नरेंद्र मोदी सरकार ने लंबे समय से लंबित इस प्रस्ताव को नए सिरे से आगे बढ़ाया है।

हालांकि, इस मुद्दे पर राज्य सरकारों और संबंधित उच्च न्यायालयों की अलग-अलग राय है। इस मुद्दे पर अहम समस्या भाषा को माना जाता रहा है। व्यवस्था के विरोधियों का कहना है कि यदि तमिलनाडु से चुना गया कोई व्यक्ति उत्तर प्रदेश या बिहार में नियुक्ति पाए तो उसे सुनवाई करने में मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। इस व्यवस्था को राज्य न्यायिक सेवा अधिकारियों के कॅरियर के लिए नुकसानदायक माना जा रहा है।


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