कश्मीर में सिर्फ छह प्रतिशत मतदान केंद्र सामान्य
श्रीनगर [नवीन नवाज]। जम्मू संभाग की दोनों संसदीय सीटों के लिए मतदान की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद कश्मीर संभाग में संसदीय चुनावों को सुरक्षित और स्वतंत्र रूप से संपन्न कराना, चुनाव आयोग के लिए सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगा। आतंकियों के खतरे और अलगाववादियों के बहिष्कार के बीच होने जा रहे चुनावों की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से
श्रीनगर [नवीन नवाज]। जम्मू संभाग की दोनों संसदीय सीटों के लिए मतदान की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद कश्मीर संभाग में संसदीय चुनावों को सुरक्षित और स्वतंत्र रूप से संपन्न कराना, चुनाव आयोग के लिए सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगा। आतंकियों के खतरे और अलगाववादियों के बहिष्कार के बीच होने जा रहे चुनावों की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मात्र छह प्रतिशत मतदान केंद्रों को ही सामान्य श्रेणी में शामिल किया गया है।
दक्षिण कश्मीर में जवाहर सुरंग से लेकर उत्तरी कश्मीर में एलओसी पर टंगडार के अंतिम छोर तक वादी के दस जिलों पर आधारित तीन संसदीय क्षेत्रों में कुल 4777 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इनमें से 58 प्रतिशत मतदान केंद्रों को अतिसंवेदनशील और 33 प्रतिशत को संवेदनशील घोषित किया गया है।
श्रीनगर-बडगाम संसदीय क्षेत्र में 1546 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इनमें से 1021 को अतिसंवेदनशील, 470 को संवेदनशील और 55 मतदान केंद्रों को सामान्य श्रेणी में रखा गया है। मध्य कश्मीर के तीन जिलों बडगाम, श्रीनगर और गांदरबल पर आधारित इसी लोकसभा क्षेत्र से केंद्रीय नव अक्षय ऊर्जा मंत्री डा. फारुक अब्दुल्ला समेत 14 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। इस सीट के लिए 30 अप्रैल को मतदान होगा।
दक्षिण कश्मीर के संसदीय क्षेत्र अनंतनाग में पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती करीब दस साल बाद संसदीय चुनाव में उतरी हैं। यहां 1615 मतदान केंद्रों में से 266 मतदान केंद्र ही सामान्य हैं जबकि 690 को अति संवेदनशील और 659 को संवेदनशील करार दिया गया है। यहां लगभग 13 लाख मतदाता हैं। 24 अप्रैल को होने वाले इस सीट के मतदान में मतदाताओं का रुझान नेशनल कांफ्रेंस के प्रत्याशी और मौजूदा सांसद डा. महबूब बेग के सियासी भविष्य का भी फैसला करेगा।
उत्तरी कश्मीर की संसदीय सीट बारामुला, जहां सात मई को मतदान होगा, में वादी के तीनों लोकसभा क्षेत्रों में सबसे कम सिर्फ 37 मतदान केंद्र ही सामान्य हैं। बारामुला, कुपवाड़ा और बांडीपोर जिले में फैले इस संसदीय क्षेत्र के 95 प्रतिशत मतदान केंद्र अतिसंवेदनशील और संवेदनशील हैं। इस पूरे क्षेत्र में 1091 मतदान केंद्र अतिसंवेदनशील हैं जबकि 445 संवेदनशील और 43 को क्रिटिकल करार दिया गया है।