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भ्रष्ट अफसरों की जांच की निगरानी के लिए ऑनलाइन सिस्टम

उधर, दूसरी तरफ इससे सरकारी अधिकारियों में भय भी व्याप्त हो रहा है। सीवीसी के साथ सीबीआइ व कैग से सारे डरे हुए हैं।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Thu, 22 Jun 2017 10:07 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jun 2017 07:51 AM (IST)
भ्रष्ट अफसरों की जांच की निगरानी के लिए ऑनलाइन सिस्टम
भ्रष्ट अफसरों की जांच की निगरानी के लिए ऑनलाइन सिस्टम

नई दिल्ली, प्रेट्र: केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने भ्रष्ट अफसरों की जांच की निगरानी के लिए ऑनलाइन सिस्टम गुरुवार से शुरू कर दिया। इसका उद्देश्य जांच कार्य में तेजी लाना है। अक्सर देखा गया है कि भ्रष्टाचार में लिप्त सरकारी अफसरों की जांच लंबे समय तक लंबित रहती है। सीवीसी (सेंट्रल विजिलेंस कमीशन) ने खुद भी माना है कि ऐसे मामलों में जांच औसतन तीन साल में पूरी होती है, लेकिन इसके जरिये अब यह सुनिश्चित हो सकेगा कि जांच ज्यादा समय तक लंबित न रहे। संबंधित जांच अधिकारी को जांच जल्दी करने के लिए अवगत कराया जाता रहेगा।

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उधर, दूसरी तरफ इससे सरकारी अधिकारियों में भय भी व्याप्त हो रहा है। सीवीसी के साथ सीबीआइ व कैग से सारे डरे हुए हैं। उनका मानना है कि जांच के डर से अधिकारी निर्णय लेने में गुरेज करेंगे जिससे सरकार की क्रियाशीलता पर प्रतिकूल असर पड़ेगा, लेकिन केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि ईमानदार अफसरों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। सरकार प्रतिबद्ध है कि सरकारी महकमों से भ्रष्टाचार खत्म किया जा सके, इसीलिए व्यवस्था शुरू की गई है।

जांच के दायरे में 35 सौ अधिकारी

सीवीसी का कहना है कि 35 सौ सरकारी अधिकारियों के खिलाफ जांच का काम चल रहा है। ऐसे में यह व्यवस्था कारगर साबित होगी। सीवीसी की सचिव नीलम का कहना है कि ये जांच अलग-अलग स्तरों में हैं। जो अधिकारी इनमें लिप्त मिले वह केंद्र व राज्य दोनों जगहों पर तैनात हैं। पहले विभागीय जांच आठ साल में पूरी होती थी, लेकिन अब यह काम 72 माह में किया जा रहा है। ऑनलाइन सिस्टम से समय अवधि में और कमी आएगी।


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